| 41. | वेग के हाथ के मंथन से उत्पन्न पृथु का आख्यान है।
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| 42. | ठुमक ठुमक जब पृथु तुम भागे, पीछे लख फिर ज्यों मुस्काते,
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| 43. | पृथु एक सूर्यवंशी राजा थे, जो वेन के पुत्र थे।
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| 44. | चक्रवर्ती पृथु चिरकाल तक शासन करके अपार यश के स्वामी बने।
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| 45. | वे सामन्त बटेश्वरदत्त के पौत्र और महाराज पृथु के पुत्र थे।
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| 46. | राजा पृथु ने ने एक सौ अश्वमेध यज्ञ किये थे ।
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| 47. | अर्थात जहां पृथु ने अपने पिता को उदक यानि जल दिया।
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| 48. | देय के बेटे पृथु को राजगद्दी संभालने को राजी किया गया।
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| 49. | महाराज पृथु आदि क्रिया शक्ति के अंश से आविष्ट है!
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| 50. | बुद्धदेव पृथु बिक्रमार्जुन शिवाजी के फिरी-फिरी हिय सुध आवे रे बटोहिया.
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