जांघ के अन्दरूनी भाग में जलन होना, पेट में दर्द होना, अतिसार होना तथा मासिकधर्म के समय में अधिक कष्ट होना, इन रोगों के होने के साथ ही रोगी को अधिक थकावट महसूस हो रही हो, नींद आती हो, अधिक गंभीर स्वभाव का हो, कम से कम शब्दों में बोलने वाला हो, मांसपेशियों में ऐंठन हो रही हो, टांग की पेशियां अकड़ी हुई हो, बिना बात का हंसने वाला हो।
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पेट में दर्द होना एक आम समस्या है, जिससे लगभग सभी व्यक्तियों को जीवन में अनेक बार सामना करना पड़ता है | इनके कारण अनेक तथा अलग हो सकते है, किन्तु फिर भी पेट के किसी भी भाग में व स्थान में दर्द को सामान्यतः हम “पेट दर्द” के नाम से ही संबोधित करते है | तत्पश्चात यदि चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता पड़ जाय तो तो वो निदान कर के बताते है कि पेट दर्द किस कारण से हो रहा है और उसे फिर रोग विशेष का नाम देकर उपचार प्रारंभ करते है |
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रोगी के पेट में पहले नाभी के बीच में दर्द शुरू होता है और धीरे-धीरे पूरे पेट में दर्द होता है, दर्द का असर पीछे पूरे बदन में, यहां तक कि अंगुली तक में फैल जाता है, इस प्रकार के दर्द होने के साथ ही कई प्रकार के लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं जैसे-पेट फूलना, जीभ पर मैल-चढ़ना, सोते रहने पर दर्द बढ़ना, सीधे खड़े रहने और पीछे की ओर टेढ़े होने पर दर्द कम होना, खाई हुई चीज की उल्टी आना और इसके साथ ही पेट में दर्द होना आदि।