| 41. | तनन प्रतिबल को तनन भारण यंत्र के मार्फत लगाया जा सकता है ।
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| 42. | प्रतिबल के प्रभाव से जो परिवर्तन होता है उसे विकृति (strain) कहते हैं।
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| 43. | सी0एस0आई0 आर0 ओ0 सैल और यू0 एस0 बी0 एम0 गेज द्वारा प्रतिबल मापन
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| 44. | करने हेतु एक बेलनाकार संतृप्त नमूने को चक्रिक विचलक प्रतिबल के प्रभाव में
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| 45. | प्रत्यास्थता सीमा के भीतर, विकृति वस्तु में कार्य करनेवाले प्रतिबल की समानुपाती होती है।
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| 46. | प्रत्यास्थता सीमा के भीतर, विकृति वस्तु में कार्य करनेवाले प्रतिबल की समानुपाती होती है।
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| 47. | इस अवस्था में ईकाई आयतन में विकृति लानेवाले प्रतिबल को आयतन प्रत्यास्थता गुणांक (
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| 48. | परिवर्तित अवस्थाओं के लिए अपरूपक प्रतिबल का मान उसी के अनुसार चुना जाता है।
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| 49. | पिंड में प्रति इकाई क्षेत्र पर लगनेवाले बल के मान को प्रतिबल कहते हैं।
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| 50. | प्लैस्टिक विकृति के घटने के साथ क्रांतिक कर्तन प्रतिबल का मान भी बढ़ता है।
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