प्रत्ययवादी होने के कारण लाइबनिट् ज़ मानते थे कि विश्व असंख्य आत्माओं अथवा मोनेडों (अविभाज्य अणुओं) से बना है।
42.
हेगेल का द्वंदवाद भी अंततः प्रत्ययवादी था … ' ।द्वंदवाद और अधिभूतवाद विरोधी प्रवृत्तियां है, जाहिर है दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती।
43.
मार्क्स ने हेगेल के द्वंदवाद को लगभग जैसा था वैसा ही लेकर आगे विकसित किया और उसे प्रत्ययवादी उपागमों और निष्कर्षों से मुक्त किया।
44.
अपने इसी द्वैतवादी स्वरूप के कारण लॉक के मत ने भौतिकवादी और प्रत्ययवादी, दोनों ही दृष्टिकोणों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
45.
पिछली बार दर्शन के बुनियादी सवाल और उसके जवाबों के अनुसार पैदा हुई दर्शन की भौतिकवादी और प्रत्ययवादी प्रवृत्तियों पर चर्चा की गई थी।
46.
आपने सही कहा है, पर इसे ऐसे कहेंगे तो और ज़्यादा सही होगा: ‘ द्वंदवाद का उपयोग तो प्रत्ययवादी भी करते रहे हैं।
47.
प्रत्ययवादी (भाववादी, आदर्शवादी पर्याय शब्द भी काम में लिए जाते हैं) विचार, चेतना को प्राथमिक और भूतद्रव्य, पदार्थ को द्वितीयक मानते हैं।
48.
इतावली संस्कृति का ग्राम्शी द्वारा किया गया अध्ययन, कैथोलिकवाद, क्रोचे के अभिव्यंजनावादी दर्शन और समाजशास्त्र में प्रत्ययवादी सिद्धांतों की आलोचना, मार्क्सवादी चिंतनधारा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
49.
अतः समुचित जानकारी के अभाव ने मानस के बारे में दासप्रथात्मक समाज के विचारपोषक दार्शनिकों द्वारा प्रतिपादित प्रत्ययवादी (idealistic) विचारों के विकास के लिए आधार तैयार किया।
50.
परंतु फिर पहले प्लोटिनस (तीसरी शताब्दी ईस्वी) और फिर आगस्टिन (चौथी-पांचवी शताब्दी ईस्वी) ने चेतना की अवधारणा को फिर से शुद्धतः प्रत्ययवादी रूप दे दिया।