परन्तु इतना समय नहीं था कि नगर के स्थानीय नेताओं की सहायता से कार्य पूर्ण किया जा सके, अत: विद्रोह की प्रथम रात्रि को नगरवासी इसमें सम्मिलित नहीं हो सके।
42.
मार्ग में छंतोली, ल्यूइसा, सिलिंगी, चौड़ती, हेलुती आदि होते हुये आती है तथा नन्दा छतोली व खाड़ू का नौटी से चलकर प्रथम रात्रि विश्राम ईड़ाबधाणी में ही होता है
43.
अब अगर उसमे भी किन्नरों का नाटक नींद खराब कर गया तो ३ ६ घंटे जागने के बाद प्रथम रात्रि के मधुर मिलन के समय वर वधु दोनों ही सोना ज्यादा पसंद करंगे.
44.
प्रथम रात्रि के प्रथम मिलन को जब कोमल एक उत्सव के रूप में मनाने का उपक्रम करती है तो अगली सुबह पति की यह टिप्पणी-‘‘ वाह, तुम तो अमेरिकन स्त्रियों को भी मात करती हो।
45.
विवाह नए जीवन में कदम रखने जा रहे जोड़े की उम्मीदों, चाहनाओं, ख़्वाहिशों और खुशियों को मनाने का समय होता है और विवाह की प्रथम रात्रि दोनों के गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने का प्रथम सोपान होती है।
46.
माधवी के प्रति तीव्र मोह और श्र्वसुर कुल की अकूत संपत्ति की लालसा, साथ ही कन्नगी के शीतल रूप के प्रति आकृष्ट कोवलन अपने विवाह की प्रथम रात्रि को अपनी सती पत्नी को वेश्या के द्वार पर ला खड़ा करता है।
47.
तीनों ही कहानियों में महिला पात्र क्रमशः शकुंतला (सुचित्रा सेन), भाभीजी (निरूपा रॉय), और उमा (उषा किरन) मकान के प्रवेश की प्रथम रात्रि में खिड़की के पास खड़ी होती हैं और अपने दुःखों को पुरुष पात्रों क्रमश: अजय (शेखर), भानु (किशोर कुमार) और सुरेश (पॉल महेंद्र) से कहती हैं।
48.
बिहुला की कथा, जो विवाह की प्रथम रात्रि में ही मनसा देवी द्वारा प्रेषित सर्प के द्वारा पति के डसे जाने पर विधवा हो गई थी और जिसने बड़ी बड़ी कठिनाइयाँ झेलकर देवताओं को तथा मनसा देवी को भी प्रसन्न कर पति को पुन: जीवित करा लेने में सफलता प्राप्त की थी, पतिव्रता नारी के प्रेम और साहस की वह अपूर्व परिकल्पना है जिसका आविर्भाव कभी किसी भारतीय मस्तिष्क में हुआ हो।
49.
बिहुला की कथा, जो विवाह की प्रथम रात्रि में ही मनसा देवी द्वारा प्रेषित सर्प के द्वारा पति के डसे जाने पर विधवा हो गई थी और जिसने बड़ी बड़ी कठिनाइयाँ झेलकर देवताओं को तथा मनसा देवी को भी प्रसन्न कर पति को पुन: जीवित करा लेने में सफलता प्राप्त की थी, पतिव्रता नारी के प्रेम और साहस की वह अपूर्व परिकल्पना है जिसका आविर्भाव कभी किसी भारतीय मस्तिष्क में हुआ हो।
50.
बिहुला की कथा, जो विवाह की प्रथम रात्रि में ही मनसा देवी द्वारा प्रेषित सर्प के द्वारा पति के डसे जाने पर विधवा हो गई थी और जिसने बड़ी बड़ी कठिनाइयाँ झेलकर देवताओं को तथा मनसा देवी को भी प्रसन्न कर पति को पुन: जीवित करा लेने में सफलता प्राप्त की थी, पतिव्रता नारी के प्रेम और साहस की वह अपूर्व परिकल्पना है जिसका आविर्भाव कभी किसी भारतीय मस्तिष्क में हुआ हो।