आजकल देश में जो दो क्रिकेट संस्थाओं के बीच जो द्वंद चल रहा है उससे मैं भी बहुत खुश हूँ, क्योंकि जिस तरह क्रिकेट की इकलौती संस्था के कर्णधारों ने अपनी संस्था को प्राईवेट कंपनी के रुप में चलाया और इस बात की परवाह नहीं की विश्व में भारतीय क्रिकेट का क्या सम्मान रह जाएगा और राष्ट्र प्रेम की आड़ में लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ हुआ उससे उसके प्रति लोगों में कोई सम्मान नहीं रह गया है।