इससे आप 160 से अधिक प्राचलों के लिए प्राथमिक जनगणना सारांश 2001 और भारत के महा पंजीयक द्वारा प्रदान किए गए सुविधाओं के आंकड़ों के साथ ग्रामीण भारत के क्षेत्रीय भूगोल के नक्शे का तत्काल उत्पादन कर सकते हैं।
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इससे आप 160 से अधिक प्राचलों के लिए प्राथमिक जनगणना सारांश 2001 और भारत के महा पंजीयक द्वारा प्रदान किए गए सुविधाओं के आंकड़ों के साथ ग्रामीण भारत के क्षेत्रीय भूगोल के नक्शे का तत्काल उत्पादन कर सकते हैं।
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पृथ्वी के गर्म होने से जलवायु संबंधी प्राचलों जैसे वर्षा, मृदा की नमी और समुद्रतल परिवर्तित होते हैं विश्व के अनेक भागों में पिछले दशक में सूखा, गर्मी और बाढ जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं का घटना इसी कारण हुआ।
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बाढ़ मार्ग निर्धारण अध्ययनविभिन्न जलीय प्राचलों [पैरामीटरों] का निर्धारण करने के लिए हरियाणा मे मसानी बराज, राजस्थान मे अजमेरीपुरा बांध और संध राज्य क्षेत्र दिल्ली में ढांसा बांध के लिएसंशो-~ धित स्तर के अनुरुप बाढ़ मार्ग निर्धारण अध्ययन किए गए.
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कच्चे माल तथा खानों के लिए केन्द्रकच्चे माल तथा खानों के लिए केन्द्र ने मुख्य कच्चे माल (कोयले के अलावा) कीआवश्यकताओ के विकास, पूंजी निवेश के प्रस्तावों, क्वालिटी प्राचलों और प्रस्तावितस्रोतों के लिए एक पंचवर्षीय योजना का ब्यौरा तैयार किया है.
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इससे आप 160 से अधिक प्राचलों के लिए प्राथमिक जनगणना सारांश 2001 और भारत के महा पंजीयक द्वारा प्रदान किए गए सुविधाओं के आंकड़ों के साथ ग्रामीण भारत के क्षेत्रीय भूगोल के नक् शे का तत् काल उत् पादन कर सकते हैं।
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चूंकि पूर्ण हुए बाढ़ नियंत्रण कार्यों केमूल्यांकन कार्यों तकनीकी प्राचलों के अतिरिक्त बहु-विद्या संबंधी क्षेत्रीयआंकड़ों की भी आवश्यकता होती है, इसलिए यह महसूस किया जाता है कि इस प्रकार केअध्ययन केन्द्र के संरक्षण में विशेषज्ञता प्राप्त संस्थाओं/प्राधिकरणों, जिन्हें इन क्षेत्रों में पर्याप्त निपुणता प्राप्त हो, के द्वारा करवाया जानाचाहिए.
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चूंकि पूर्ण हुए बाढ़ नियंत्रण कार्यों केमूल्यांकन कार्यों तकनीकी प्राचलों के अतिरिक्त बहु-विद्या संबंधी क्षेत्रीयआंकड़ों की भी आवश्यकता होती है, इसलिए यह महसूस किया जाता है कि इस प्रकार केअध्ययन केन्द्र के संरक्षण में विशेषज्ञता प्राप्त संस्थाओं/प्राधिकरणों, जिन्हें इन क्षेत्रों में पर्याप्त निपुणता प्राप्त हो, के द्वारा करवाया जानाचाहिए.
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समन्वेषी बेधन काउद्देश्य, संभाव्य जल भूतों का पता लगाना, उनके ऊर्ध्वाधर तथा पार्श्व विस्तारों कानिर्धारण करना, लवणीय जल के साथ जल भरतों का चित्रण, जल-भू-वैज्ञानिक परीक्षणोंद्वारा जल भूतों प्राचलों का निर्धारण करना तक उनकी क्षमताओं का मूल्यांकन कियाजा सके, नल कूपों के बीच इष्टतम दूरी का निर्धारण करना आदि है.
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यह न केवल उदीयमान वैश्विक बाजार परिदृश् य में स् थायी संवृद्धि के लिए और प्रतिस् पर्धा का सामना करने के लिए एक पूर्वापेक्षा है बल्कि पणधारकों के लिए मूल् य को अधिकतम करने के लिए आचित् स जवाबदेही, प्रकटन तथा पारदर्शिता के प्राचलों का साकार रूप भी हैं।