अब इसका दूसरा पहलू भी देखियों, क्रिकेट प्रेमी होना भी ‘ स्टेट्स सिम्बल ' बन चुका है, इनके कई वर्ग हैं, एक वर्ग उन बडे़ आदमियों या अभिजात्य वर्ग के युवाओं का है जो विलासिताओं के लिये अपने बड़ों द्वारा अर्जित धन को लुटाने के बहाने ढूढ़ते रहते हैं, दूसरा वर्ग उन छुटभैय्ये युवाओं का है जो धनी युवाओं की चाटुकारिता हेतु अपनी छोटी सम्पत्तियों का वारा न्यारा करके अपने को धनियों जैसा दिखाना चाहते हैं और उन्हीं की बगल में बैठना चाहते हैं।