सभी नाटकों में किसी एक स्थल पर भाषण की प्रोक्ति का भी प्रयोग किया गया है, लेकिन उसके लिए ऐसे स्थल का चयन किया गया है कि घटनाओं के तनाव से उत्पन्न वातावरण में ये भाषण तनिक भी बोझिल प्रतीत नहीं होते और नाटककार सहजता से अपने अभिप्रेत को प्रेक्षक के मस्तिष्क में बोने में सफल हो जाता है।