जो कुछ खास लोगों को दिखते हैं, उन्हें इतनी भीड़ घेरे रहती है कि आम आदमी उनके आसपास फटकना तो दूर, एक झलक देख भी नहीं पाता।
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यह है दुनिया भर में सेंकड़ों कोयला खदानों में लगी बेकाबू भूमीगत आग, जो बरसों पृथ्वी के गर्भ में सुलगती रहती है और इंसान और वनस्पति का पास फटकना नामुमकिन कर देती है।
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यह है दुनिया भर में सेंकड़ों कोयला खदानों में लगी बेकाबू भूमीगत आग, जो बरसों पृथ्वी के गर्भ में सुलगती रहती है और इंसान और वनस्पति का पास फटकना नामुमकिन कर देती है।
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यह है दुनिया भर में सेंकड़ों कोयला खदानों में लगी बेकाबू भूमीगत आग, जो बरसों पृथ्वी के गर्भ में सुलगती रहती है और इंसान और वनस्पति का पास फटकना नामुमकिन कर देती है।
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मल्लिका का ग्रंथ उठाना और रखना, अंबिका का धान फटकना और विलोम का अग्निकाष्ठ जलाना य-ये सभी क्रियाएँ न सिर्फ पात्रों की मनोवृत्ति और मनःस्थिति का पता देती हैं बल्कि नाटकीय संभावनाओं से भी भरपूर हैं।
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सो, दुविधा का शिकार यह बेचारा तरसेम, फंसे तो फटकना क्या, का आख्यान सोचता हुआ मधु और वरखा राम के साथ बीसेक छात्रों की टीम का एक अध्यापक-नेता बन कर सवेरे साढ़े छह बजे की गाड़ी से पटियाले की ओर चल पड़ा।
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मि. विधाता ने स्टेचूटरी वार्निंग दे रखी थी कि बाग के गेट पर, हर शाम शैतान चाट का ठेला लेकर रोज़ खड़ा हो जाता है, उसके पास मत फटकना और गोलगप्पे, टिकिया, दही बड़े, समोसे मत भकोसने लगना नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।
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गरीब की तो बात ही छोडिए, आम मध्यवर्गीय भी इतनी रकम आखिर लाये तो लाये कहाँ से? कहने को आप कह सकते हैं कि बैंक से ऋण ले लीजिए, लेकिन ऋण की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आम आदमी उनके पास तक फटकना नहीं चाहता.
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95संजीव सहगल चमत्कारों में आस्था रखने वाला व्यक्ति था जो समझता था कि खास आशीर्वाद प्राप्त खास नगों वाली खास अंगूठियां...आगेपांच पापी सुरेन्द्र मोहन पाठक पृष्ठ 268 मूल्य $ 0पांच पापीआगेपैंसठ लाख की डकैती सुरेन्द्र मोहन पाठक पृष्ठ 283 मूल्य $ 7.95भारत बैंक का वाल्ट खोलना तो दूर, उसके पास भी फटकना असम्भव कृत्य था।
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बाद में जब चौतरफा छीछालेदर हुई तो उन्होंने तीन त्वरित फैसले किये-(1) अपना फेसबुक एकाउंट बंद कर दिया, (2) सभी मित्रों का फोन उठाना बंद कर दिया और (3) यह तय किया कि कम से कम अगले एक साल तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के आस-पास फटकना भी नहीं है।