रश्मि जी दिल को छूने वाला आलेख है मै तो आज ही फटाखे लेने जा रहा था लेख पड़कर मन ही मन में द्वंद सा हो गया! इस बार से फटाखे जलाने में रोक लगाने का प्रयास करूँगा! दीपावली की आपको बहुत बहुत बधाई हो.......................
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गौरतलब है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण राजा भोज विमानतल द्वारा कलेक्टर भोपाल को अवगत कराया गया है कि विमानतल के आसपास रनवे-30 के एप्रोच फनल में अधिक ऊंचाई के फटाखे आतिशबाजी चलाना प्रचलन में है जिसके चलते इस क्षेत्र में आने जाने वाले विमानों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
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भगवान श्रीराम की युद्ध में लंकापति रावण पर विजय के रूप के समरण के रूप में मनाये जाने वाले इस दशहरा पर्व से उल्लास से मनाया जाने परंपरा बरसो से इस देश में रही है पर फटाखे जलाकर, घर के सामान पूजकर तथा मिठाई [...] हिंदी अध्यात्म समाज हिन्दी साहित्य हिन्दू धर्म संदेश
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केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल फरमाते हैं कि पूरे मामले को सनसनीखेज बनाया गया लेकिन इस नकारात्मक प्रचार का क्या फायदा हुआ? शायद इस चोरी और सीनाजोरी पर ही किसी शायर ने कहा है कि वो रोज फटाखे फोड़ते हैं तो कोई बात नहीं, हमने एक दीप जलाया तो बुरा मान गए।
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अब इस उम्र में दूर फटाखों को जलता और फूटता देखता हूँ और बच्चों और नव जवानों को सतर्क रहकर फटाखें चलाने और जलाने की खूब पुरजोर हिदायत देता हूँ और खुश भी हो लेता हूँ की मैं कम से कम बम फटाखे न फोड़ कर प्रदूषण को बढ़ावा तो नहीं दे रहा हूँ...
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ये पांच दिन और पूरी रात फटाखे, आतिशबाजी, उत्साह बाजारों में भीड़, ट्राफिक जाम, होटलों-रेस्टोरेंट में भीड़ हर ओर देखकर लग रहा था कि दिपावली का उत्साह लोग ऐसे मनाने निकले हैं कि सारे टेंशन, परेशानियां फिलहाल वे पूरी तरह से भूलना चाहते हैं और यकीनन त्यौहारों का मजा भी तभी आता है जब लोगों को टेंशना ना हो।
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भगवान श्रीराम की युद्ध में लंकापति रावण पर विजय के रूप के समरण के रूप में मनाये जाने वाले इस दशहरा पर्व से उल्लास से मनाया जाने परंपरा बरसो से इस देश में रही है पर फटाखे जलाकर, घर के सामान पूजकर तथा मिठाई खाकर इस दिन को बेकार कर दिया जाता है जबकि इस विषय पर अध्यात्मिक चर्चा कर मन और विचारों में शुद्धता लाने कप प्रयास किया जाना चाहिए।
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भगवान श्रीराम की युद्ध में लंकापति रावण पर विजय के रूप के समरण के रूप में मनाये जाने वाले इस दशहरा पर्व से उल्लास से मनाया जाने परंपरा बरसो से इस देश में रही है पर फटाखे जलाकर, घर के सामान पूजकर तथा मिठाई खाकर इस दिन को बेकार कर दिया जाता है जबकि इस विषय पर अध्यात्मिक चर्चा कर मन और विचारों में शुद्धता लाने कप प्रयास किया जाना चाहिए।
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उसके बाद हम मोनिका के साथ मिलकर रंगोली डालते हमारा बहुत बड़ा आंगन था उसमें हम बहुत सारी रंगोलिया ड़ालते थे उसके बाद हाथ मुँह धोकर सुन्दर से कपडे पहनकर तैयार हो जाते तब तक मम्मी, दादी माँ, दादा जी और बबलू चाचा पूजा की तैयारी करते फिर शुभ मुहर्त के अनुसार दादा जी और सब मिलकर पूजा आरती करते फिर प्रसाद बँटता सब फटाखे छोड़्ते हमें फटाखों से डर लगता तो हम नहीं छोड्ते थे ।
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उसके बाद हम मोनिका के साथ मिलकर रंगोली डालते हमारा बहुत बड़ा आंगन था उसमें हम बहुत सारी रंगोलिया ड़ालते थे उसके बाद हाथ मुँह धोकर सुन्दर से कपडे पहनकर तैयार हो जाते तब तक मम्मी, दादी माँ, दादा जी और बबलू चाचा पूजा की तैयारी करते फिर शुभ मुहर्त के अनुसार दादा जी और सब मिलकर पूजा आरती करते फिर प्रसाद बँटता सब फटाखे छोड़्ते हमें फटाखों से डर लगता तो हम नहीं छोड्ते थे ।