परम पूजनीय सरसंघचालक जी, माननीय अखिल भारतीय पदाधिकारी तथा अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्यगण, अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सभी माननीय सदस्यगण, नवनिर्वाचित प्रतिनिधि बंधुगण, विविध कार्यों में कार्यरत बंधु भगिनी तथा विशेष निमंत्रित बंधु, माता, भगिनी-अपनी परिपाटी के अनुसार इस वर्ष की प्रतिनिधि सभा की बैठक में हम नूतन सरकार्यवाह को निर्वाचित करने के साथ-साथ ही अब तक के अपने कार्य का सिंहावलोकन करते हुए उसे आगे बढ़ाने की योजनाएँ भी बनाएँगे।
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गोरखपुर से तकरीबन नब्बे किलोमीटर दूर बसे उस छोटे-से शहर सिद्धार्थनगर की पचीस जून वाली वो चौदहवीं का चाँद खिलायी हुई शाम, वो सद्यःस्नाता की खूबसूरती समेटे हुये भव्य प्रेक्षागृह, एक जीवट निर्देशक व उसके समर्पित बंधुगण, चंद उत्साहित नौनिहालों का मँजे हुये कलाकारों को भी मात कर देने वाला प्रदर्शन और खचाखच-जैसा कुछ विशेषण लिये हुए दर्शकों की तालियाँ एक रचनाकार के इसी असीम सुख को निहारती मेरी आँखों का मिल-जुल कर साथ दे रहे थें।
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लेखक की इस दयनीय स्थिति पर तरस मत खाइए बंधुगण! तरस खानी थी तो इस बात पर कि लेखक कश्मीर यथा समय गया होता तो साहित्य की किसी भी विधा में उल्लेखनीय प्रामाणिक रचना दे सका होता पाठक-समाज को! तब शायद किसी प्रकाशक ने आकर्षक रूप में छापा होता, लेखक ने ही पुस्तक के लोकार्पण समारोह का जिम्मा अपने ऊपर लिया होता, उस समारोह में किसी प्रोफेसरनुमा साहित्यपति की अध्यक्षता में कुछेक रसरंजन में भींजे समीक्षकों से ‘ अहो रूपम् अहो ध्वनि: ' बखानते हमदम दोस्तों से चर्चाएं कराई होतीं।
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प्रिय, आदरणीय सामाजिक बंधु विगत कई वर्षो से प्राय: यह देखा गया है कि हम अपने समाज के सामाजिक बंधुओं के परिवार की जानकारी से अनभिज्ञ रहते है इसी क्रम में मेरे एंव अपने सामाजिक बंधुगणों के सहयोग से आप सभी को आपस में एक सूत्र में पिरोने तथा सभी सामाजिक बंधुगण जो सम् पूर्ण छत् तीसगढ के विभिन् न जिलों में निवासरत है का पारिवारिक ब् योरा एवं अन् य सामाजिक गतिविधियों की जानकारी पहुँचाने के उद्देश् य से इस ब् लाग का प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें आपके सुझाव सादर आमंत्रित है ।