काले नाग सी फुंफकारती बेल्टों की सपाट बक्कल से निकलकर तीनों शेरों ने जैसे एक साथ हमला कर दिया हो (अचानक से ‘ लोकतंत्र के चौथे शेर ' की याद आई थी कि ठीक उसी वक़्त माथे के पिछले हिस्से पर जोर से बक्कल की चोट लगी और फिर उसके बाद कुछ याद नहीं रहा)
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काले नाग सी फुंफकारती बेल्टों की सपाट बक्कल से निकलकर तीनों शेरों ने जैसे एक साथ हमला कर दिया हो (अचानक से ‘ लोकतंत्र के चौथे शेर ' की याद आई थी कि ठीक उसी वक़्त माथे के पिछले हिस्से पर जोर से बक्कल की चोट लगी और फिर उसके बाद कुछ याद नहीं रहा)
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फिर उसका चीखना, कम्यून की बाड़ के कँटीले तारों में शर्ट का उलझना, खून, पकड़ो, भागने ना पाए, गद्दार, जासूस, चोर, सड़क, जीप, रिक्शा, नाली, पुलिस, मोबाइल, गद्दार, पकड़ो, साला, कमीना, थप्पड़, जूते, बेल्ट, बक्कल, शेर, खून … उफ़!
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माजूफल + मुलायम सुपारी + सुपारी के फूल + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फिटकरी + गुलाब के फूल + बड़ी हरड़ का बक्कल + गुड़मार ; इन सभी चीजों को बराबर वजन से लेकर (अनुमानतः २ ५ ग्राम प्रत्येक लीजिये) बारीक चूर्ण कर लें, सभी फूल सूखे लें वरना पीसने में दिक्कत होगी।