जब लेखन पैसा कमाने के जरिये के रूप में एक आधार बना जाता है तो लेखक या पत्रकार वह नहीं लिखता है, जो समाज या मानवता या प्रकृति के संरक्षण और, या इन सबके उत्थान के लिये जरूरी है, बल्कि ऐसे हालात में ऐसे विषय और ऐसी बातें बढा-चढाकर लिखी जाने लगती हैं, जो धनात्सर्जन कर सकें।
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** सस्ती सेक्स किताबों, पोर्नोग्राफिक फिल्मों और समाचार पत्रों मे आए दिन कई विज्ञापनों मे लिंग के आकार या लंबाई को बढा-चढाकर एवं कम लंबाई को एक समस्या के रूप में दिखाया जाता है जिससे युवावर्ग भ्रमित हो जाता है और तनावग्रस्त होकर उल्टे-सीधे उपाय करने लगता है ये सब गलत है छोटे आकार से आनंद में कोई फर्क नही पडता, क्योंकि योनि का केवल एक तिहाई भाग ही सेंसिटिव होता है अत:
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घटनाएं दोनों दुखद थी, गोधरा भी और गुजरात भी, मगर जिस तरह इस देश के चंद स्वार्थी लोगो ने अपने फायदे के लिए एकपक्षीय घटना को ही बढा-चढाकर पेश किया वह इनकी घटिया सोच का ही नतीजा थी! ये हमारे तथाकथित अल्पसंख्यक भाई, गुजरात और मालेगांव का रोना तो हर जगह रोयेंगेकिन्तु वे यह भूल जाते है कि जिन लोगो का ये पक्ष लेते है वे निर्ममता से ३ ००० से अधिक सिखों का कत्ल के दोषी है!
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13. सस्ती सेक्स किताबों, पोर्नोग्राफिक फिल्मों और समाचार पत्रों मे आए दिन कई विज्ञापनों मे पेनिस (लिंग) के आकार या लंबाई को बढा-चढाकर एवं कम लंबाई को एक समस्या के रूप में दिखाया जाता है जिससे युवावर्ग भ्रमित हो जाता है और तनावग्रस्त होकर उल्टे-सीघे उपाय करने लगता है ये सब गलत है छोटे आकार से ऑर्गेज्म में कोई फर्क नही पडता, क्योंकि योनि का केवल एक तिहाई भाग ही सेंसिटिव होता है अत: सही सेक्स पोजीशन में छोटा लिंग भी पूरी तरह चरमोत्कर्ष दे सकता है।