पर बर्फ़ानी हवाएँ मुझे बार-बार किसी छत पर या आँगन में या ख़ेत में बिखेर देती हैं मुझे समेट कर कोई दो नन्हें हाथ आँगन में अपना एक घर बनाते हैं।
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गिलगित पुलिस की तरफ़ से दी गई जानकारी के मुताबिक़ अस्तूर घाटी के चोरच गाँव में छह लोग बर्फ़ानी चट्टानों की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई जबकि दो लोग लापता हैं.
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आफ़ताब ने आगोश में भर लिया....नम के होठों के फूल...गर्म सीने पे हमने खिला दिये....आफ़ताबी आगोश... मुझे कसता रहा...मैं बर्फ़ानी नदी सी पिघलती रही....पैरों तले.. ज़मी बहने लगी...ज़िस्म धूप सा जलता रहा...ख्वाब का कंबल ओढे... दो
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दुर्गम बर्फ़ानी घाटी में शत-सहस्त्र फुट ऊँचाई पर अलख नाभि से उठनेवाले निज के ही उन्मादक परिमल-के पीछे धावित हो-होकर तरल तरुण कस्तूरी मृग को अपने पर चिढ़ते देखा है, बादल को घिरते देखा है।
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कविता में और विशेष रूप से इस प्रकार की कविताओं में शब्दों, रूपकों, बिंबों, उपमाओं का चयन, खोज या गढ़न हिमालय की किसी बर्फ़ानी चोटी पर तपस्या करने से कहीं अधिक कठिन होता है।
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आफ़ताबी आगोश... मुझे कसता रहा... मैं बर्फ़ानी नदी सी पिघलती रही.... पैरों तले.. ज़मी बहने लगी... ज़िस्म धूप सा जलता रहा... ख्वाब का कंबल ओढे... दो ज़िस्म सिमटे रहे.... थरथराती सांसों को... लब पीते रहे.... मेरी पलकें.. उसकी धड़कनों को..
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रात की खुमारी को....जब सुबह.. आफ़ताब ने आगोश में भर लिया....नम के होठों के फूल...गर्म सीने पे हमने खिला दिये....आफ़ताबी आगोश... मुझे कसता रहा...मैं बर्फ़ानी नदी सी पिघलती रही....पैरों तले.. ज़मी बहने लगी...ज़िस्म धूप सा जलता रहा...ख्वाब का कंबल ओढे... दो...
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बफ़ेलो के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध बर्फ़ानी तूफ़ान 77 का बर्फ़ीला तूफ़ान था जो बफ़ेलो में सामान्य अर्थों में झील-प्रभाव का परिणाम नहीं था (उस समय एरी झील जम गई थी), लेकिन इसके बजाय तेज हवाओं और जमीन तथा जमी हुई एरी झील दोनों पर पहले से एकत्रित बर्फ़ के संयोजन का परिणाम था.
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बफ़ेलो के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध बर्फ़ानी तूफ़ान 77 का बर्फ़ीला तूफ़ान था जो बफ़ेलो में सामान्य अर्थों में झील-प्रभाव का परिणाम नहीं था (उस समय एरी झील जम गई थी), लेकिन इसके बजाय तेज हवाओं और जमीन तथा जमी हुई एरी झील दोनों पर पहले से एकत्रित बर्फ़ के संयोजन का परिणाम था.
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बफ़ेलो के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध बर्फ़ानी तूफ़ान 77 का बर्फ़ीला तूफ़ान था जो बफ़ेलो में सामान्य अर्थों में झील-प्रभाव का परिणाम नहीं था (उस समय एरी झील जम गई थी), लेकिन इसके बजाय तेज हवाओं और जमीन तथा जमी हुई एरी झील दोनों पर पहले से एकत्रित बर्फ़ के संयोजन का परिणाम था.