सर्व शिक्षा अभियान SSA जिसे २ ०० १ से शुरु किया गया है-यह एक बहु- महत्त्वाकाँक्षी., कन्या वर्ग के बहुआयामी विकास को केन्द्र मेँ रखकर, कन्याओँ के स्कूल जाने से, कन्या छात्राओँ को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा हासिल हो पाये, वैसे प्रयास से लेकर, स्त्री के पुरुषोँ से बराबरी के व्यवहार को सच करने के प्रयास हैँ-
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और अब उस ३२ मैं से एक और शब्द और कम हो गया है, “आँचल”.... आने वाले समय में इन गानों का क्या अर्थ होगा? “छोड़ दो आँचल, ज़माना...” “लाल दुप्पटा....” चलिए अगर आप को अभी भी लगता है कि मैं सिर्फ कोरी बकवास कर रहा हूँ तो कृपया नीचे लगी हुई तस्वीर पर गौर करें यह तस्वीर एक बहु- राष्ट्रीय कंपनी की वेब साईट से ली है.
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बहु- विकल्पों के लिए बौद्धिक (brainstorming) करें 3.4.2. बौद्धिक के समय विकल्प पर निर्णय मत लें 3.4.3. सर्वोत्तम विकल्प पर निर्णय अंत में लें 3.5. विषय-संबधित मानक चुनना 3.5.1. ऐसे मानकों पर ध्यान दें जो कि मोल-भाव में शामिल लोगो की चाह व भावनाओं से स्वतंत्र हों 3.5.2. तर्क व प्रयोजन-सैद्धांतिक एवं न्यायोचित बातों को मानें न कि दबाव में आकर 4.
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और अचंभित करने वाली बात तो यह हैं कि कई बार यह दोनों तरह के ब्लॉग अक्सर एक ही माँ (लेखनी) की देन होते हैं (यहाँ सादर मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूँगा कि मेरे कई वरिष्ठ लेखकों के ब्लॉग रुपी पुत्रों ने सदैव हो बहु- पत्नीय व्यवस्था को बनाये रखा हैं पर वे संख्या बल के आधार पर अपवाद ही गिने जायेंगे) इस प्रकार हर ब्लोगीय कुटुंब में कुछ पोस्ट कुवारे ही मिल जायेंगे ।