इस बारे में “कैराना शरीफ़” में शायरी में विवरण यूँ हैं जो थे बाग़बानी को यहाँ बाग़बाँ उन्हीं की है औलाद माली यहाँ ग़दर में गुलामी से आ आ के तंग लडे अहल कैराना की ख़ूब जंग उ. प्र. में कैराना, लखनऊ, मंगलौर, सहारनपुर नजीबाबाद, बहराईच आदि में फैली हुई इस बिरादरी ने जो अलग-अलग नामों से जानी जाती थी, कुछ समय पूर्व बडों छोटों के मशवरे से इस बात की घोषणा कर दी कि हम माली, बाग़बाँ और गुलफरोश बिरादरी ने अपनी एक पहचान बाग़बाँ कर ली है, जिसे सभी ने अपना लिया है।