1922 मे भगत सिह दिल्ली आकर बलवंत सिह के नाम से ‘दैनिक अर्जुन ' के संपादकीय विभाग मे काम करने लगे तथा बाद मे कानपूर मे आकर स्वंयसेवक बन गंगा बाढ राहत मे सहायता की।
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यह भी हो सकता है कि पिया जी बाढ राहत कार्य विभाग मेँ ही कार्यरत होँ तथा वे घर इसलिए भी नहीँ आ रहे हो कि बाढ की सँभावनाएँ सामने हैँ और राहत कार्य शुरू होने वाला है।
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इस बकलोलई पर एक पोस्ट चेंपी थी-उसका अंश है कि-बाढ राहत केंद्र में मधेपुरा के बोदर ने अपनी टांग खुजाते हुए कहा-ससुर पेट चुरूर मुरूर कर रहा है, कुछ बांट ओंट नही रहे हैं।
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मुझे नहीं पता है कि कित्ने पैसे अभी तक इकट्ठा हुआ है बाढ राहत के लिये, मैं अभी आंकड़े जुटा रहा हूं, मगर मुझे ये पता है कि 1500 करोड़ से कहीं ज्यादा खर्च होने वाला है इन सब पर..
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पिछली बार जिन क्षेत्रों में गंगा और रामगंगा व काली नदी से बाढ से ज्यादा कटान हुई उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर सम्भावित बाढ को दृष्टिगत रखते हुये बाढ राहत कार्य से जुडे़ अधिकारी अपनी कार्य योजना एक सप्ताह में प्रस्तुत करें।
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जिलाधिकारी अजय चैहान ने निर्देश दिये हैं कि संबंधित विभागों के अधिकारी सूखा एवं बाढ राहत कार्यों की कार्य योजना अविलम्ब प्रस्तुत कर दें और क्षमता निर्माण जैसे प्रशिक्षण, पूर्व तैयारी तथा उपकरणों की समुचित व्यवस्था आदि पर विशेष ध्यान दिया जायें।
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बात ये है कि ईस तरह फीता काटने से मीडिया और आप लोगों के द्वारा सब को पता चलता है कि यहाँ बाढ राहत सेन्टर खुल गया है ईसलिये हम ये फीता काटन किये हैं वरना हम तो ये न करते....... ।इतने में भीड का धैर्य जवाब देने लगा......
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आंते कुलबुला रही हैं, ठीक से खडे नहीं रहा जा रहा और ये नेता लोग होटिल से खा पीकर अच्छे से चले हैं कि अब तनिक ईत्मिनान से बाढ राहत केंद्र का उदघाटन किया जा य....... अरे जा घोडा क सा र....... कबहूँ तुम पर भी पडेगी......
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गिलगित में चीनी सैनिक मौजूद नहीः पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चीन के 11 हजार सैनिकों की मौजूदगी की खबरों को मनगढंत करार देते हुए यहां तैनात पाकिस्तानी राजदूत ने दावा किया है कि उन क्षेत्रों में चीनी सैनिक नहीं बल्कि बाढ राहत के लिये चीन का मानवीय सहायता दल पहुंचा है।
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मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा चलाये गये बाढ राहत कायो पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि विपक्ष ने उनकी मारीशस यात्रा के महत्व को समे बिना हीं सरकार की जमकर आलोचना की जबकि वह मारीशस के प्रधानमंत्री के बुलावे पर वहां गये थे और इसी दौरान यहां अभूतपूर्व बाढ आ गयी1 उन्होंने कहा कि मारीशस से लौटने के बाद वह राहत कार्य में लग गये और बाढ़ प्रभावित जिलो में विशेष जिलाधिकारी तथा मंत्रियो को कैम्प कर राहत वितरण का कार्य चलाने की जिम्मेदारी दी गयी