डबवाली (लहू की लौ) बाल वाटिका मॉडल स्कूल मंडी किलियांवाली का वार्षिक अभिभावक एवं पारितोषिक वितरण समारोह रविवार को डबवाली के भगवान श्रीकृष्णा कॉलेज ऑफ एजूकेशन में स्थित मदन मैमोरियल हाल में सम्पन्न हुआ।
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डॉ. रामकुमार गुप्त, सं.-‘ नूतनभाषा सेतु ', 2, अमर आलोक, बाल वाटिका, अहमदाबाद (गुजरात) 380-0 0 8 इस अंक की अधिकांश कहानियां मैं पढ़ चुका हूं।
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‘एक और मृगतृष्णा ' चन्द्रकांता जी के पंजाबी कहानी संग्रह, सुखवीर भटनागर के बाल उपन्यास ‘छूना है आसमान' ‘जयति हिन्दू राष्ट्र' पत्रिका, ‘जिन्दगी की किताब', ‘कविता साधना' काव्य संग्रह, बाल वाटिका-बाल पत्रिका डा0 अनू की पुस्तक स्नेहिल स्पन्दन एवं डा0 मधु के काव्य संग्रह का भी लोकार्पण किया गया ।
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बाल-पत्रकारिता के क्षेत्र में अद्यतन प्रकाशित होते रहकर अपनी पहचान जिन पत्रिकाओं ने बनाई है, उनमें प्रमुख र्हैं बाल भारती, बालहंस, नदंन, चपंक, चन्द्रामामा, बाल वाणी, बाल वाटिका, देवपुत्र, स्नेह, बाल मीतान, बच्चों का देश, जन संप्लव, हँसती दुनिया, बालमित्र आदि।
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बाल वाटिका के सम्पादक गर्ग को यह सम्मान गत दिनों राष्ट्रीय हिन्दी परिषद के तत्वावधान में मेरठ स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडज्ञट्रीज भवन में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में उनकी ओर से हिन्दी के प्रचार-प्रसार एवं उन्नयन की दृष्टि से किए गए कार्यो के लिए “ हिन्दीरत्न ” सम्मान में प्रशस्ति पत्र, शॉल,...
बालरुचि के अनुरूप ही मधु मुस्कान, लोटपोट, पराग, टिंकल, नंदन, बालमेला, चंपक, चंदामामा, चकमक, हंसती दुनिया, बालहंस, बाल सेतु, बाल वाटिका, नन्हे सम्राट, देवपुत्र, लल्लू जगधर, बालक, सुमन सौरभ जैसी बाल-पत्रिकाएं भी प्रकाशित हुई, जिनमें से कुछ आज भी बाल पाठकों को लुभा रही हैं।
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एक ओर जहां डॉ 0 रजनीश ' मेरी दुनिया मेरे सपने ', ' तस्लीम ', ' बालमन ' एवं ' हमराही ' के द्वारा ब्लॉग जगत में सकारात्मक योगदान देते रहे हैं, वहीं भोपाल से प्रकाशित ' इलेक्ट्रानिकी आपके लिए ' एवं भीलवाड़ा, राजस्थान से प्रकाशित चर्चित पत्रिका ' बाल वाटिका ' ने उन्हें सम्मानित करके उनके योगदानों को रेखांकित भी किया है।
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राज सक्सेना बाल वाटिका मासिक वर्तमान में हिन्दी भाषा की शीर्ष बाल पत्रिकाओं में से एक है | इस बाल मासिक का यह इतिहास रहा है कि यह नये हस्ताक्षरों को यथा-शक्ति संभावनाएं पाकर प्रोत्साहित करती है | इसके विद्वान सम्पादक कुछ समय से लीक से हट कर कुछ नया करने का प्रयास कर रहे हैं | पत्रिका को एक नया और-अनूठा रुप दिया गया है |
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एक ओर जहां डॉ 0 रजनीश ' मेरी दुनिया मेरे सपने ', ' तस् लीम ', ' बालमन ' एवं ' हमराही ' के द्वारा ब् लॉग जगत में सकारात् मक योगदान देते रहे हैं, वहीं भोपाल से प्रकाशित ' इलेक् ट्रानिकी आपके लिए ' एवं भीलवाड़ा, राजस् थान से प्रकाशित चर्चित पत्रिका ' बाल वाटिका ' ने उन् हें सम् मानित करके उनके योगदानों को रेखांकित भी किया है।