वाकये से जाहिर है कि गैंग रेप का सदमा, पुलिस का रवैया, मुलजिमों की आजादी, समाज में अपनी बदनामी और मां-बाप और बहन की व्यथा भरी दौड़भाग बीजल सहन नहीं कर पाई और उसने सारी समस्या की जड़ खुद को मानते हुए जान दे दी।
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जानकारी के मुताबिक आलमपुर महरूपुर बीजल निवासी रामोद पुत्र सियाराम के तिलक समारोह में शामिल होने के लिए जा रही बमरुलिया निवासी 18 वर्षीय शालू पुत्री चन्द्रेश के अलावा 20 वर्षीय अतुल दीक्षित पुत्र मख्खनलाल व 40 वर्षीय रश्मी पत्नी घनश्याम को उस समय मार्शल ने ठोक दिया, जब वह जहानगंज की ओर जा रहे थे।