छत्तीसगढ़ में ग्रामीण भूमिहीन परिवारों के लिए संचालित आम आदमी बीमा योजना के तहत इकतीस मार्च 2011 तक साढ़े तीन सौ व्यक्तियों को एक करोड़ 10 लाख रुपए की बीमा दावा राषि का भुगतान किया गया है।
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यदि आप आपके उस अनुभाग के आस-पास कोई बाह्यरेखा चाहते हैं जो बीमा दावा उदाहरण पर दिखाए गए अनुभाग के समान है, तो आप बॉर्डर्स और छायाप्रभाव संवाद बॉक्स में अनुभाग पर कोई बॉर्डर लागू कर सकते हैं.
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लगभग सभी लोग बीमा लेते समय पति / पत्नि को बीमा दावा के लिये नामित करते हैं, और यही समझते हैं कि अगर दुर्भाग्य से मृत्यु हो भी गई तो बीमाधन उनके पति / पत्नि को मिल जायेगा।
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उदाहरण के लिए, किसी बीमा दावा प्रपत्र टेम्पलेट पर, आप ऐसे पाठ बक्सों के किसी सेट को समूहीकृत करने के लिए किसी अनुभाग का उपयोग कर सकते हैं जो पॉलिसी धारकों से संपर्क जानकारी संग्रहीत करने के लिए उपयोग किए जाते हैं.
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योजना के नवीनीकरण पर ५% बीमित राशि का आकर्षक संचयी लाभ दिया जाता है, बीमित राशि हर वर्ष ५% अधिक हो जाती है हर वर्ष अगर बीमा दावा न किया गया हो, (अधिकतम बीमित राशि के ५०% तक), बिना अतिरिक्त बीमा शुल्क दिये।
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दुर्घटना मे बीमाधारी मछुए की मृत् यु पर उसके द्वारा नामांकित वारिस को रूपये 100000 /-एवं स् थाई अपंगता की दशा में बीमित मछुए को रूपये 100000 /-एवं आंशिक अपगता पर रुपये 0.50 लाख बीमा दावा राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है ।
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योजना के नवीनीकरण पर ५ % बीमित राशि का आकर्षक संचयी लाभ दिया जाता है, बीमित राशि हर वर्ष ५ % अधिक हो जाती है हर वर्ष अगर बीमा दावा न किया गया हो, (अधिकतम बीमित राशि के ५ ० % तक), बिना अतिरिक्त बीमा शुल्क दिये।
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मेरा आलेख इस चिन्ता से उपजा था कि यदि बीमा एजेन्ट को दिए गए परवर्ती प्रीमियम की किस्त किसी वजह से जमा नहीं होती और पालिसी कालातीत (लेप्स) हो जाती है और उस अवस्था में बीमित का (भगवान न करे) देहान्त हो जाए तो उस के उत्तराधिकारियों को बीमा दावा प्राप्त नहीं हो सकेगा।