| 41. | प्रदर्शन करते हताश कश्मीरी पंडित युवा कर बसर को दर-बदर, बेपनाह उसे दे कहर,मिट्टियों का छीन हक़!ऐ बेअदब ऐ बेखबर!!अब होगी तुझे कब्र नज़र!!!
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| 42. | सियार बोला, “ तुम तो बड़े बेअदब हो! अजी, गवाही देने आए हो, इस मुकदमे के बारे में कुछ जानते भी हो? ”
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| 43. | खुद से खडा हुआं तो तन्हा हूं झुकता था तो लोग आवाजें देते थे मुझे नजर नीची रखीं तो बाअदब था नजरें उठीं तो बेअदब जमाने ने कहा मुझे।
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| 44. | रश्मि जी, कुछ ऐसी ही व्यवस्था पर मरहूम हफ़ीज़ मेरठी साहब एक शेर कह गए है-इल्तजा तो कोई भी सुनता नहीं क्या करें हम बेअदब हो जाएं क्या?
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| 45. | खरीदारी कर गांव जाने के लिए मनीराम पार्क के पास खड़े थे, तभी भूरसिंह गुर्जर, सीताराम व ईश्वर गुर्जर ने पुत्रवधू के साथ अभद्रता की और बेअदब कर दिया।
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| 46. | बाहर का भोजन “वक्त के साथ” एक बोझिल मन सा जीवन है वो बेअदब से हँस दिए उल्टा-पुल्टा कफन उनको ही लाना है ये आईना....!! पतिव्रता (?) नारियाँ!
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| 47. | कुल मिलाकर पत्नी रानी की हरकतों से पति ओम प्रकाश परेशान रहता, रानी को जितना समझाने का प्रयास करता वह उतनी ही उच्चश्रृंखल (बेअदब) होती जा रही थी।
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| 48. | बिना कुछ कहे दो ज़ोरदार चाँटे रेहान के मुँह पर जड़े और पीठ पर दो घूँसे-बदतमीज़! बेअदब! जो मुँह में आता है बकता चला जा रहा है ।
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| 49. | अब तो जीवन बस नियम पर एक चलता आ गया है बेअदब से दूर बह कर ये निकलता मार्ग की सब भीड़ भरकम से निकल के अनमने औ अटपटे से बच बचाके
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| 50. | बिना कुछ कहे दो ज़ोरदार चाँटे रेहान के मुँह पर जड़े और पीठ पर दो घूँसे-बदतमीज़! बेअदब! जो मुँह में आता है बकता चला जा रहा है ।
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