इस यन्त्र से देखकर यह पता चल जाता है कि रेटीना पर शुरु का बैकग्राउन्ड रैटीनोपैथी हुआ है या ज्यादा खराब प्रोलिफरेटीव रेटीनोपैथी, रेटनोपैथी के बढ़ने में उच्च रक्तचाप एवं पेशाब में अल्बुमीन जाने का भी बड़ा हाथ है।
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अपने बास का फोटो लेकर, और मेरे ख्याल से भारत मे ऐसे माहौल मे बैकग्राउन्ड मे यह गाना बजेगाः आज ना छोड़ूंगा तुझे, दन दना दन, तूने क्या समझा है मुझे दन दना दन …… आपका क्या कहना है इस बारे मे?
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एचटीटीपी::: डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. वर्ल्डवाटरवीक. ओआरजी प्रेस के लिए प्रेस किट, बैकग्राउन्ड फैक्टस, फोटो एवं विडियो के लिये देखें: एचटीटीपी::: डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. वर्ल्डवाटरवीक. ओआरजी: मिडिया स्त्रोत: स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीटयूट पीआरन्यूजवायर-एशियानेट: किरण किरण पीडब्ल्यूआर चार अमर पीडब्ल्यूआर 11 09061222 दि
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जिस तरह के मोटे चरित्र बनाए गए हैं, जिस तरह की सड़कछाप बैकग्राउन्ड स्कोर तैयार किया गया है, जिस तरह की छिछोरी, चवन्नीछाप, सैक्रीन स्वीट सिचुएशन फ़िल्म में हर दस मिनट बाद टांकी गई है, जिस तरह से ‘आल इज वेल' के अश्लील इस्तेमाल में एक बच्चे तक का शोषण किया गया है, वो सब इसी ओर इशारा करते हैं।
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महेश भट्ट के निर्देशन क्षमता से सब परिचित है, इस फिल्म का एक-एक संवाद, एक-एक दृश्य इस तरह से घुला हुआ है कि दोनों एक दूसरे को अर्थात् संवाद-दृश्य और दृश्य-संवाद को सघनता प्रदान करते हैं, पूरी फिल्म एक अजीब सा तनाव भरे माहौल में चलती है, जो कहानी की मांग है, उस माहौल को जिंदा करता है बैकग्राउन्ड का संगीत।
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जिस तरह के मोटे चरित्र बनाए गए हैं, जिस तरह की सड़कछाप बैकग्राउन्ड स्कोर तैयार किया गया है, जिस तरह की छिछोरी, चवन्नीछाप, सैक्रीन स्वीट सिचुएशन फ़िल्म में हर दस मिनट बाद टांकी गई है, जिस तरह से ‘ आल इज वेल ' के अश्लील इस्तेमाल में एक बच्चे तक का शोषण किया गया है, वो सब इसी ओर इशारा करते हैं।
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नवी मुम्बई के एक आलीशान अपार्ट्मेन्ट के ३ ० वें माले पर एक फ़्लैट … फ़्लैट से बाहर झाँकती बालकनी और उसके साथ दूर तक देखने की कोशिश करता हुआ एक हैंगिंग सोफ़ा … एक कोने में अपनी बारी का इन्तजार करता हुआ एक छोटा सा फ़्रिज … उसमें ठंडाते हुये आइस क्यूब्स और उनके ठंडे होने के इन्तजार में बैठी स्काच … बैकग्राउन्ड मे मेरे कुछ फ़ेवरेट गाने … और उस फ़र्श पर हम तुम …
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मेरे विचार से मत देने के पहले हमें यह विचार अवश्य कर लेना चाहिए कि उपलब्ध उम्मीवारों में से किसकी क्या बैकग्राउन्ड है उनका चरित्र कैसा है शिक्षा व समझदारी कैसी है, यदि पहले भी प्रतिनिधि रह चुकें हैं तो समाज के िलए उनकी कार्यप्रणाली कैसी रही है, समाज के चतुर्मुखी विकास में उनका योगदान कितना व कैसा रहा है अौर फिर उन सबमें सर्वश्रेष्ठ कौन है अौर कितनी जिम्मेदारी से कौन अपने दायित्वों को निभा सकता है ।