ज्वालामुखी जलों, या गरम स्रोतों, के जल के वाष्पीकरण से बोरिक अम्ल प्राप्त हो सकता है, पर आजकल इसे गरम सांद्र बोरैक्स के विलयन पर सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया से प्राप्त किया जाता है:
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पर, अथवा ऐल्यूमिनियम लवण के जलीय विलयन को यूरिया के साथ एक बंद नली में 1800-1900 सें. पर गरम करने अथवा ऐल्यू-मिनियम फ्लोराइड को बोरिक अम्ल के साथ ताप पर विच्छेदित करने से भी कुरुविंद बनता है।
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बोरिक अम्ल की दुर्बलता के कारण उसका क्षार के साथ अनुमापन (titration) नहीं हो सकता, परंतु उसके विलयन में ग्लिसरीन या मैनीटॉल डालने से उसके अम्लीय गुण में वृद्धि हो जाती है, और तब उसका क्षार विलयन के साथ अनुमापन हो सकता है।