| 41. | भस्म का लेप बताता है कि यह संसार नश्वर है शरीर नश्वरता का प्रतीक है।
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| 42. | सायंकाल में पुन: स्नान करके भस्म का त्रिपुंड और रुदाक्ष की माला धारण करें।
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| 43. | आयुर्वेद के अनुसार गोमेद के भस्म का सेवन करने से बल एवं बुद्धि बढ़ती है.
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| 44. | आयुर्वेद में शंख भस्म का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है.
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| 45. | आज के समय में मोती की भस्म का प्रयोग सौन्दर्य प्रसाधनों में किया जाता है.
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| 46. | घ. ^ यज्ञ की भस्म का शरीर की शुद्धि के लिए प्रयोग किया जाता है।
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| 47. | उसमें पत्थरी रोग होने पर व्यक्ति को शहद के साथ इसकी भस्म का सेवन करना चाहिए.
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| 48. | जप काल में सिर पर यज्ञ-भस्म का तिलक लगाना तथा ऊन का आसन बिछाना चाहिये।
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| 49. | चिता के भस्म का शरीर पर लेपन और चिताग्नि पर भोजन पकाना इत्यादि सामान्य कार्य हैं।
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| 50. | भस्म का त्रिपुंड या तिलक लगाकर रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला पर जप करना चाहिए।
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