चुनमुन, रितु वेयरस,स्पोर्ट किंग आदि बड़े नामों के साथ, सड़क के किनारे लगी छोटी छोटी दुकानों से सस्ता सामान भी खरीद सकते हैं, बस थोड़ा सा मोल भाव करना पड़ेगा।
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ध्यान के समय जब मन किसी वस्तु का चिंतन करने लगे तो यह भाव करना होगा कि उस वस्तु को देखने वाला मानस चक्षु और सोचने वाला मानस भी उसी आत्मा का ही अंश है.
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* क्या इस मामले में स्त्री पुरुष में भेद भाव करना चाहिए? * यदि पति की रज़ामंदी से उसकी पत्नी से रखे गए सम्बन्ध गैर कानूनी नहीं हैं तो क्या वाइफ स्वेपिंग जायज़ है?
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यह भाव करना चाहिए कि इस दिव्य वातावरण में इष्ट की दिव्य गोद में बैठे हम उस दिव्यता को अपने स्थूल, सूक्ष्म व्यक्तित्व में भली प्रकार से संचारित होने देने के लिए जप-ध्यान आदि कर रहे हैं।
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यह देखना भी किसी रोमांच से कम नहीं होता है, बीच में ही फ़ैशन स्ट्रीट भी पड़ती है, जहाँ कम बजट में अच्छी चीजें मिल जाती हैं, मोल भाव करना ही होता है, बस आपको मोलभाव करने में महारत होनी चाहिये।
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लड़ाई-झगड़ा करना रवना मोल भाव करना नौका विहार में अनबन हो जाना झगड़ा करना चिक-चिक जाड़ा बिताना नाव की दोड़े दौड़ना शीत ऋतु उपद्रव करना संवाद के शब्द नाव की दोड़े दौड़ना में अनबन हो जाना झगड़ना झगड़ा करना उपद्रव झगडा करना.
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साधक को मन ही मन में ये भाव करना चाहिए कि मन में अमुक बुराई जो हमारे भीतर अब तक थी, उस बुराई को हम त्याग कर रहे हैं और अमुक अच्छाई जो हमारे भीतर नहीं थी, उसको हम प्रारम्भ कर रहे हैं।
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यह देखना भी किसी रोमांच से कम नहीं होता है, बीच में ही फ़ैशन स्ट्रीट भी पड़ती है, जहाँ कम बजट में अच्छी चीजें मिल जाती हैं, मोल भाव करना ही होता है, बस आपको मोलभाव करने में महारत होनी चाहिये।
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अब कुछ सवाल उठते हैं आम आदमी के लिए: * क्या इस मामले में स्त्री पुरुष में भेद भाव करना चाहिए? * यदि पति की रज़ामंदी से उसकी पत्नी से रखे गए सम्बन्ध गैर कानूनी नहीं हैं तो क्या वाइफ स्वेपिंग जायज़ है?
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शुरू में तो ग्लानि से भारी होने के कारण वह नहीं चाहती थी की कोई बच्चे को देखे परन्तु जब उसे ज्ञात हो गया की सौदा आय का जरिया है और ये लोग उस बच्चे को चाहते हैं तो तो उसने बच्चे का मोल भाव करना शुरू कर दिया.