यदि इस संकल्पना का आगे विस्तार करें और भाषा भेद की सीमा को तोड़कर मनुष्य के इतिहास और विकास के देखने का प्रयत्न करें तो विश्व साहित्य की अवधारणा सामने आती है.
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कथा पंजाब में श्याम सुन्दर अग्रवाल जी की लघु कथाएं पढ़ कर आनंद आगया. नीरव जी का ऐसा सहज अनुवाद कि हिंदी और पंजाबी के वीच भाषा भेद ही मिट गया ये लघु कथाएं.
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२ ४. अंग्रेज़ी शिक्षा इसी तरह जहां भेद न हों वहां भी अन्य भेद डालती है, यथा पुरुष-स्त्री भेद, धार्मिक भेद, भाषा भेद, आर्य-द्रविड़ भेद आदि।
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भाषा भेद के कारण बुरड़क शब्द के अनेक रूपांतरण हो गए है यथा-बुरड़क, बुरडक, बुर्ड़क, बुरडोक, बरडक, बर्डक, बोरडक, बुर्रक, बुल्डक, वरडक, वर्डक, बुड़क, बड़क आदि.
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किन्तु हमारा जनतंत्र वांछनीय रूप से सफ़ल नहीं कहा जा सकता क्योंकि जनता तथा शासकों के बीच भाषा भेद के कारण तथा अशिक्षा के कारण वांछनीय संचार नहीं है, विचारों का आदान प्रदान नहीं है, तब जनतंत्र के स्थान पर भ्रष्ट तन्त्र ही होगा।
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हम अखबार में, टीवी पर रंग भेद, वर्ग भेद, जाति भेद, धर्म भेद, भाषा भेद और तमाम भेदों के खिलाफ और आदर्शों पर वाक-मैथुन कर सकते हैं, लेकिन प्रभाष जी के निधन की खबर पहले पेज पर नहीं छाप सकते...
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इस विश्व में चर, अचर, स्थावर जंगम जो कुछ भी है उन सब को चैतसिक प्रकाश की अभिव्यक्ति के रुप में देखना यही वेदान्त के सभी सम्प्रदायों में भाषा भेद तथा प्रतिपादन विधि के भेद के होते हुये भी मुख्य प्रतिपाद्य विषय के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है।
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हलांकि इस फैसले से हम जैसे निम्न एवं कम पढे लिखे लोगों को कुछ वर्षों तक भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है मगर देश की भाषा भेद समस्या का निदान एवं भाषा के नाम पर होने वाली सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक शोषण का अंत निश्चित रूप से हीं संभव है.
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प्रस्तुत कथा के द्वारा डॉ. उपाध्याय जी यह संदेश प्रवाहित करना चाहते है-”भारतीय संस्कृति का आधार भावनात्मक एकता है, किन्तु कई बार अनेक स्वार्थी लोग, भाषा भेद क्षेत्रीय मोह जातिवाद जैसी संकीर्ण भावनाओं को प्रबल करवा देते है, परिणामस्वरूप झगड़े, दंंगे, लड़ाईयाँ, मारधाड़, धर्मयुद्व, साम्प्रदायिक विषयुद्ध आदि फैलने लगते हैं।
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यद्यपि स्तम्भ के लेखों में कहीं-कहीं भाषा भेद दृष्टिगत होता है, और इसलिए कुछ विद्वानों की सम्मति है कि अशोक के समय में ही पाली भाषा में परिवर्तन होने लग गया था, क्योंकि यह अनुमान किया जाता है कि प्रत्येक स्तम्भ की भाषा उस स्थान की प्रचलित भाषा से सम्बन्धा रखती है।