इसके उत्तर में मनसा देवी के पौराणिक आख्यानों से अंकित पहाड़ी शैली को लजाते भित्ति-चित्र, दादरी की हवेली के मुगल शैली से टक्कर लेते हुए भित्ति-चित्र मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
42.
इसके उत्तर में मनसा देवी के पौराणिक आख्यानों से अंकित पहाड़ी शैली को लजाते भित्ति-चित्र, दादरी की हवेली के मुगल शैली से टक्कर लेते हुए भित्ति-चित्र मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
43.
उन्होंने मध्यप्रदेश में पाये जाने वाली भित्ति-चित्र की गुफाओं का वैज्ञानिक ढंग से आकलन करके निर्णय दिया है कि प्राचीन गुफा-चित्रों से वहां निवास करने वालों की जीवन-चर्चा तथा रुचि का पता चलता है।
44.
उन्होंने मध्यप्रदेश में पाये जाने वाली भित्ति-चित्र की गुफाओं का वैज्ञानिक ढंग से आकलन करके निर्णय दिया है कि प्राचीन गुफा-चित्रों से वहां निवास करने वालों की जीवन-चर्चा तथा रुचि का पता चलता है।
45.
के बीच, चैत्यों (प्रार्थना कक्षों) और विहारों (मठों) के रूप में इन गुफाओं को बौद्ध भिक्खुओं द्वारा छेनियों के सहारे यह स्वरूप प्रदान किया गया था, और इनमें हैं उत्कृष्ट रूप से सुन्दर भित्ति-चित्र और बेहतरीन मूर्तियां।
46.
बड़बीसर सरोवर पर स्थित नन्दराम के भाई की छतरी के मुख्य गुंबद के भीतर छत पर उकेरे गए सैकड़ों भित्ति-चित्र अपनी 150 वर्ष की आयु में भी, राज्य के अन्य भित्तिचित्रों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में हैं।
47.
वह अच्छा चित्रकार भी है दीवाल पर गेरू रामरस चूना सुरखी टेसू-जामुन से हाथी ऊँट मोर फूल-पत्तियों के भाँति-भाँति के सुन्दर-सुन्दर भित्ति-चित्र उकेरता है, गाँव-घर में उसकी बहुत कदर है पचास का है वह काका कहकर सभी हँकाते हैं उसे
48.
जिन मंदिरों में भित्ति-चित्र अंकित हुए हैं उनके नाम हैं-तृश्शूर वडक्कुन्नाथ मंदिर, तिरुवंचिक्कुळम, एळंकुन्नप्पुषा, मुळक्कुळम, कोट्टयम ताषत्तंगाडि वासुदेवपुरम, तृक्कोटित्तानं, कोट्टक्कल, तलयोलपरम्पु, पुण्डरीकपुरम, तृप्रयार पनयन्नारकावु, लोकनारकावु, आर्पुक्करा, तिरुवनन्तपुरम श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, कोषिक्कोड तळि, एट्टुमानूर तृच्चक्रपुरम, बालुश्शेरि, मूक्कुतला, पुन्नत्तूर कोट्टा आदि मंदिर ।
49.
“ दस द्वार से सोपान तक ” की याद दिलाती मन के कपाट खोलती, मन-वीणा के तारों को सहेजती, भित्ति-चित्र को उकेरती, उधडते हुए रिश्तों को बुनती, उजडे हुए कल को हसरत भरी निगाहों से निहारती, हँस-हँस कर अपनी ओर बुलाती, प्राञ्जल प्रस्तुति ।
50.
अंदर की दीवारों पर चित्रित खूबसूरत भित्ति-चित्र पांचवे दलाईलामा की शान और शक्ति का वर्णन करते हैं, और गलियारे से ऊपर जाती सीढ़ियों पर भी बुद्धों, बोधिसत्वों और दलाई लामाओं की आकृतियों; बौद्ध धर्म की जातक कथाओं; राजकुमारी वेनचेंग का विवाह और जोखांगमंदिर का निर्माण जैसी ऐतिहासिक घटनाओं जैसे अनेक धार्मिक भित्ति-चित्र चित्रित हैं।