केमृसा. अनु.शाला दो समितियों अर्थात भारतीय राष्ट्रीय निर्माण सामग्री एवं संरचना समिति (आईएनसीसीएमएस) तथा भारतीय राष्ट्रीय भूतकनीकी अभियांत्रिकी समिति(आईएनसीजीई) के माध्यम से बहुत से विश्वविद्यालयो, संस्थानों तथा राज्य सरकारों को संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों में आर्थिक सहयोग दे रहा है।
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मृदा मैकेनिक् स और नींव अभियांत्रिकी, मृदा डायनामिक् स रॉकफिल तकनीक, जिओ टेक् सटाइल, ग्राउट टेक् नोलॉजी, खुदाई प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी भूभौतिकी, रॉक इंजीनियरिंग निर्माण सामग्री और कंक्रीट प्रौद्योगिकी, भूतकनीकी इनस् ट्रूमेंटेशन, जल एवं अभियांत्रिकी सामग्रियों के रासायनिक पहलू।
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■ उन्नत संरचनात्मक विश्लेषण ■ भूकंप अभियांत्रिकी एवं कंक्रीट आकलन ■ अभिनव संरचनाएं स्थायित्व का आकलन, और मरम्मत के लिए डिज़ाइन ■ ■ निर्माण सिस्टम्स मैं और द्वितीय ■ सतत का प्रयोग करें और पर्यावरण प्रभाव आकलन ■ निर्माण प्रबंधन ■ अपतटीय भूतकनीकी अभियांत्रिकी ■ उन्नत मृदा यांत्रिकी और
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केमृसा. अनु. शाला दो समितियों अर्थात भारतीय राष्ट्रीय निर्माण सामग्री एवं संरचना समिति (आईएनसीसीएमएस) तथा भारतीय राष्ट्रीय भूतकनीकी अभियांत्रिकी समिति (आईएनसीजीई) के माध्यम से बहुत से विश्वविद्यालयो, संस्थानों तथा राज्य सरकारों को संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों में आर्थिक सहयोग दे रहा है।
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अन्वेषण, दोहन, और प्राकृतिक संसाधनों और जमा के मूल्यांकन, भूवैज्ञानिक जोखिम मूल्यांकन, निर्माण परियोजनाओं के पेश भूतकनीकी क्या आप क्षेत्र में काम कर प्रयोगशाला में, और कंप्यूटर पर प्यार? फिर Leoben के विश्वविद्यालय में एप्लाइड Geosciences के लिए रजिस्टर-एक डिग्री प्रोग्राम है जो एक अनोखा तरीका में प्राकृतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग को जोड़ती है.