कांग्रेस में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया बढ़ी है, मुख्यमंत्री दिल्ली से आसानी से नहीं बदले जाते और पार्टी ने कुछ बेहतरीन कानून भी पारित करवाटे हैं, चाहे मनरेगा हो खाद्य सुरक्षा कानून, भूमि कानून हो या सूचना का अधिकार यह सभी ऐतिहासिक हैं, हालाँकि इनमें कमियाँ अपनी जगह व्याप्त हैं।
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नरेन्द्र नगर में नवनिर्मित पुलिस लाइन की जमीन अस्सी नाली और टिहरी बांध के समीप चिन्याली सौड़ के आसपास भी कई नाली भूमि महानंद शर्मा या इनके परिजनों के नाम पर खरीदी जा चुकी है जबकि प्रदेश के भूमि कानून के अनुसार इस प्रकार से बड़े पैमाने पर राज्य का निवासी और वह भी अगर किसान है वही जमीन खरीद सकता है।
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उपर से नये भूमि कानून फेरबदल यानी कुछ मौसम और क्लायमेट के हिसाब से कुछ ऐसी टाइप ठंडी जगहें बेची जानी हैं बिक भी गयीं हैं पर वहाँ पीने को पानी नहीं है ये भू माफिया के लिए दोहरे फायदे का कानून है पहाड़ की जमीन अगर वो खरीदता है तो उसी पहाड़ी को भाबर तराई में अपनी जमीन बेचता भी है ।
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देवसिंह रावत, देहरादून उत्तराखण्ड में पूरी तरह विफल रहे प्रदेष के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री बदलने की आषंका से भयभीत हो कर, अपनी कुर्सी बचाने के लिए अंतिम प्रयाष करते हुए कांग्रेस आलाकमान को खुष करने के लिए कांग्रेस के खिलाफ देष व्यापी व्यापक जनांदोलन चलाने वाले विष्व विख्यात योग गुरू रामदेव की पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट पर गलत तरीके से जमीन कब्जाने, भूमि कानून के उल्लंघन, बेनामी हस्तांतरण और स्टांप डयूटी चोरी आदि के 81 मामले दर्ज करने का दाव चल कर कांग्रेस की जडों में मट्ठा ही डाल दिया है।