नजराना यानी & nbspकि कार्य होने से पूर्व कुछ भेंट देना, शुक्राना यानी कि कार्य होने के बाद कुछ भेंट देना, हकियाना यानी कि कार्य करने के लिए हक पूर्वक कुछ धन मांगा जाना तथा जबराना यानी कि बिना रिश्वत लिए & nbspकार्य ना करने की धमकी देना।
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नजराना यानी & nbspकि कार्य होने से पूर्व कुछ भेंट देना, शुक्राना यानी कि कार्य होने के बाद कुछ भेंट देना, हकियाना यानी कि कार्य करने के लिए हक पूर्वक कुछ धन मांगा जाना तथा जबराना यानी कि बिना रिश्वत लिए & nbspकार्य ना करने की धमकी देना।
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यदि भक्त सचमुच में श्री साईबाबा को कुछ भेंट देना चाहता था और बाद में यदि उसे अर्पण करने की विस्मृति भी हो गई तो बाबा उसे या उसके मित्र द्वारा उस भेंट की स्मृति कराते और भेंट देने के लिये कहते तथा भेंट प्राप्त कर उसे आशीष देते थे ।
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यदि भक्त सचमुच में श्री साईबाबा की कुछ भेंट देना चाहता था और बाद में यदि उसे अर्पण करने की विस्मृति भी हो गई तो बाबा उसे या उसके मित्र दृारा उस भेंट की स्मृति कराते और भेंट देने के लिये कहते तथा भेंट प्राप्त कर उसे आशीष देते थे ।
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कुछ दोनों के पश्चात् वे ग्वालियर आये और वहाँ से अपने एक मित्र को बारह रुपयों का मनीआर्डर भेजकर पत्र में लिख भेजा कि दो रुपयों में सीधा की सामग्री और वलपपड़ी (सेम) आदि मोल लेकर तथा दस रुपये दक्षिणास्वरुप साथ में रखकर मेरी ओर से बाबा को भेंट देना ।
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पुत्र जनम, विवाह आदि अवसरों पर संबंधियों को भेंट देना, तन् नी या मंडप के नीचे हल् दी तोडना, सेहरा बांधना, मृत् यु होने पर महापात्र को दान देना, वर्षभर ब्राह्मण को भोजन कराना कब्र में मूल् यवाण वस् तुओं को रखना इत् यादि रीति रिवाज हैं।
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शुगन के नेक कार्यों मे 51 /-,101 /-,21 /-,11 /-का चलन होने के बावजूद संम संख्या मे भांजी के लिए भेंट देना जीजी को अच्छा नहीं लगा था और उन्होने मुझे वह नोट दिखाते हुये कहा था-” दादा ने गुड़िया के लिए यह दिया है ” ।
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मैंने उसके कान में धीरे से प्रणय का इज़हार किया, “ मालती! क्या आज रात में हम यौन-आनन्द लें? ” वह रुक गई, मेरी ओर देख कर बोली, ” विशाल, बुरा मत मानना! तुम बहुत अच्छे इंसान हो! मैं बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम्हारे जैसा दोस्त मिला! पर मैं अक्षत-यौवना हूँ! मैं अपना कौमार्य अपने पति को भेंट देना चाहती हूँ।