मंगलाचार है, भरतार है, मन्दिर है, पीतम है, करतार है, लेकिन वे सन्दर्भ गायब हैं जो कबीर की कविता के सती सम्बन्धी होने के पक्के प्रमाण देते हैं।
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अवधपुरी के राजा दशरथ, महाप्रतापी महाज्ञानी कौशल्या कैकेयी सुमित्रा, अवधपुरी की महारानी राम लखन और भरत शत्रुघन, पाये पुत्र-रतन ये चार घर घर होने लगी बधाई, होने लगे मंगलाचार त्रेता युग में....
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पैसे और प्रौद्योगिकी को बहंगी में लादे फेरीवाले गली-गली घूम रहे हैं एक से एक कारगर योजनाएं वाजिब दाम पर उपलब्ध हैं तमाम बुद्धिजीवी, प्रौद्योगिकीजीवी,परजीवी इन बाजार-चतुर नवाचारियों की दक्षता पर मुग्ध हैं दुलहिनें लगातार मंगलाचार गा रही हैं
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एक बार राजा युधिष्ठिर के पूछने पर श्री कृष्ण जी उन्हें इसका महत्व बताते हुए कहा था कि विजयदशमी के दिन राजा को अपने दासों व हाथी-घोड़ों को सजाना चाहिए तथा धूम-धाम के साथ मंगलाचार करना चाहि ए.
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स्कूल की ईबारत सीखते-सीखते जाने कब मैं जन-गण-मन से लेकर वंदे मातरम् और युवा होने से पहले-पहले दुलहिन गावहु मंगलाचार या फिर हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दरद न जाणे कोय आदि-आदि आत्मसात कर लिया पता ही नहीं चला ।
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स्कूल की ईबारत सीखते-सीखते जाने कब मैं जन-गण-मन से लेकर वंदे मातरम् और युवा होने से पहले-पहले दुलहिन गावहु मंगलाचार या फिर हेरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दरद न जाणे कोय आदि-आदि आत्मसात कर लिया पता ही नहीं चला ।
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प्रसिद्ध पद ‘ दुलहिनि मोरी गावहु मंगलाचर ' को ‘ मंगलाचार ' शब्द पर जोर देकर सीधे-सीधे विवाह-उत्सव का गीत व्याख्यायित किया गया, लेकिन विवाह में ‘ सरोवर के किनारे वेदी ' बनाने का विधान तो है नहीं.
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दोनों घरों में मंगलाचार की रस्में शुरू हो गई थी कि अचानक लड़के के पिता प्रकाश चंद की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जहां दोनों घरों में खुशी का माहौल था, वहीं पलक झपकते ही किलकारियां गूंजने लगीं, जिससे माहौल गमगीन हो...
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दोनों घरों में मंगलाचार की रस्में शुरू हो गई थी कि अचानक लड़के के पिता प्रकाश चंद की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जहां दोनों घरों में खुशी का माहौल था, वहीं पलक झपकते ही किलकारियां गूंजने लगीं, जिससे माहौल गमगीन हो गया।
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प्रसिध्द पद ‘ दुलहिनि मोरी गावहुं मंगलचार ' को ‘ मंगलाचार ' शब्द पर जोर देकर सीधे सीधे विवाह उत्सव का गीत व्याख्यायित किया गया, परन्तु विवाह में ‘ सरोवर के किनारे वेदी ' बनाने का विधान तो है नहीं और राजस्थान में सती के गीतों को ‘ मंगलाचार ' कहते हैं।