| 41. | मक्खन हो गया “चरणदास” और मक्खनी हो गई मक्खन के “प्राणों की प्यासी”....
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| 42. | मक्खन, मक्खनी और गुल्ली जिम कार्बेट पार्क में पिकनिक मनाने गए...
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| 43. | राधे राधे! मक्खन और मक्खनी के चित्र पहली बार देखे, बहुत खूबसूरत हैं।
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| 44. | ये सुनते ही मक्खन की बांछें खिल गईं... मक्खनी से बोला...
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| 45. | कोयले की भट्टी पर छौंकी, क्रीम-मक्खन से लबालब दाल मक्खनी के क्या कहने।
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| 46. | मक्खन शाम को घर लौटा तो मक्खनी उसे देखते ही फट पड़ी...
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| 47. | मक्खनी के आते ही मक्खन ने दोनों के ऊपर रज़ाई खींच ली...
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| 48. | धर्मचन्द ने मक्खनी को दिन में झाड़ू देते हुए कई बार देखा था।
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| 49. | विशेष रूप से मक्खनी को इस खूँखार वायुमंडल से बहुत डर लगने लगा था।
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| 50. | गुल्ली ने देखा कि एक सांप मां मक्खनी को डसने ही वाला था...
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