पहले पेप? सी ने अपने शितल पेय माउंटेन ड?य? को मर?दो का पेय बताया, जिसे सिर?फ जा?बाज ही पीते हैं, तो कोकाकोला ने स?प?राइट को प?यास ब??ाने का कारगर पेय बताया और ड?य? को बच?चों के पेय के रूप में चित?रित किया, उसके जवाब में पेप?सी ने थम?स अप और स?प?राइट दोनों का मजाक उडाना श?रू किया और इस तरह से कोलावॉर श?रू हो गई जो अब तक चली आ रही है।
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भाई Shafiqur Rahman khan yusufzai जी आप के विचार अच्छे लगे पर आप डा जामल साहब के बारे में क्या कहेंगे वो सरे आम अपने ब्लॉग पर हिंदू देवताओ का मजाक उड़ाते है मै भी लिख सकता है मेरे पास रंगीला रसूल है पर में नफरत नही फैलाना चाहता हूँ मेरी उनसे अपील है की हिंदू धर्मो का मजाक उडाना बंद करे क्यूंकि आप करेंगे तो हम भी चुप नहीं रहेंगे और फिर बात बिगड जायेगी
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खुद तो विक्रांत हर समय दूसरों से चाय आदि पीने की ताक में रहता है ओर अपना एक रूपया भी खर्चना पड़े तो उसकी जान निकल जाती है “ विमल पहले तो चुप-चाप उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा फिर क्रोध में आकर बोला, ” किसी के स्वभाव के कारण इस तरह उसका मजाक उडाना क्या अच्छी बात है?.पुराना सामान तक तो ठीक है परन्तु कोंडम पैक करके देना कितनी शर्मनाक बात है.
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जब दिया गम बुतों ने खुदा याद आया असल बात यह हे की इन लोगों को सिर्फ इस्लाम का मजाक उडाना था मगर जब इन्हें अनवर जमाल ने आइना दिखाना शुरू किया तो इन्हों ने कहा की किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाना ठीक नहीं परन्तु जब कोई इस्लाम के खिलाफ टिपण्णी करता हे तो उस समय यह नियम इन्हें भूल जाता हे, ओर अनवर जी आप जब वेदों ओर पुरानों पर लिखेगें तो फिर यह लोग भावनाओं की दुहाई देते नज़र आएंगें