इस्लामी मतान्ध तलवार के सामने सर झुकाएँ हुएँ, मृत्यु के भय से अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़ने को तैयार हिंदुयों को उन्होंने ललकार कर कहाँ-कायर कहीं के, मौत के डर से अपने प्यारे धर्म को छोड़ने में क्या तुमको लज्जा नहीं आती! भाई मतिराम की बात सुनकर मतान्ध मुसलमान हँस पड़े और उससे कहाँ की कौन हैं तू, जो मौत से नहीं डरता?
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इस्लामी मतान्ध तलवार के सामने सर झुकाएँ हुएँ, मृत्यु के भय से अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़ने को तैयार हिंदुयों को उन्होंने ललकार कर कहाँ-कायर कहीं के, मौत के डर से अपने प्यारे धर्म को छोड़ने में क्या तुमको लज्जा नहीं आती! भाई मतिराम की बात सुनकर मतान्ध मुसलमान हँस पड़े और उससे कहाँ की कौन हैं तू, जो मौत से नहीं डरता?
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ऐसे कितने और ऐतिहासिक तथ्य टीपू सुलतान को एक मतान्ध, निर्दयी, हिन्दुओं का संहारक साबित करते हैं क्या ये हिन्दू समाज के साथ अन्याय नही है कि, हिन्दुओं के हत्यारे को हिन्दू समाज के सामने ही एक वीर देशभक्त राजा बताया जाता है, अगर टीपू जैसे हत्यारे को भारत का आदर्श शासक बताया जायेगा तब तो सभी आतंकवादी भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक महान युगपुरुष बनl...........................................................
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इस्लामी मतान्ध तलवार के सामने सर झुकाएँ हुएँ, मृत्यु के भय से अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़ने को तैयार हिंदुयों को उन्होंने ललकार कर कहाँ-कायर कहीं के, मौत के डर से अपने प्यारे धर्म को छोड़ने में क्या तुमको लज्जा नहीं आती! भाई मतिराम की बात सुनकर मतान्ध मुसलमान हँस पड़े और उससे कहाँ की कौन हैं तू, जो मौत से नहीं डरता? भाई मतिराम ने कहाँ की अगर तुममे वाकई दम हैं तो मुझे मुसलमान बना कर दिखा ओ.
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इस्लामी मतान्ध तलवार के सामने सर झुकाएँ हुएँ, मृत्यु के भय से अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़ने को तैयार हिंदुयों को उन्होंने ललकार कर कहाँ-कायर कहीं के, मौत के डर से अपने प्यारे धर्म को छोड़ने में क्या तुमको लज्जा नहीं आती! भाई मतिराम की बात सुनकर मतान्ध मुसलमान हँस पड़े और उससे कहाँ की कौन हैं तू, जो मौत से नहीं डरता? भाई मतिराम ने कहाँ की अगर तुममे वाकई दम हैं तो मुझे मुसलमान बना कर दिखा ओ.