| 41. | मधुमय बंधन बाँध कर, कल लौटी बारात।
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| 42. | मधुमय मैं-और मुझ में मधु ढारें
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| 43. | मद मधुमय उस रस अनुभव का,
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| 44. | गणतंत्र-दिवस के उज्ज्वल भावों को मधुमय स्वर दो!
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| 45. | जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित देशगान अरुण यह मधुमय देश हमारा।
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| 46. | अरुण यह मधुमय देश हमारा-
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| 47. | अंतरतर का मधुमय गाये संगीत सदा,
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| 48. | कोई अपने स्वर में मधुमय कर
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| 49. | अरुण यह मधुमय देश हमारा-2
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| 50. | अरुण यह मधुमय देश बेचारा ॥
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