स्वामीजी के भावपूर्ण वक्तव्य के प्रभाव में सभी साथी उठ खड़े हुए और अग्नि को साक्षी मानकर सन्यास व रामकृष्ण भावधारा के प्रसार की शपथ ग्रहण की बाद में किसी को ध्यान आया कि मध्यरात्री उलट चुकी थी व ख्रिसमस का शुभारम्भ हो चुका था।
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अंजनगांव सुर्जी-तहसील क्षेत्र के रहिमापुर, चिंचोली थाना अंतर्गत विहिगांव में रविवार की मध्यरात्री पानी भरते वक्त करंट लगने से योगेश पांडुरंग गोरडे (२ ६) की मौत हो गयी. जानकारी के मुताबिक कुरलकर के यहां २ ५ तारीख को विवाह था.
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दिल्ली के रामलीला मैदान में 4 / 5 जून की मध्यरात्री में यु. पी. ए. सरकार द्वारा योगगुरु रामदेव के आह्वान पर भ्रष्टाचार-विरोधी मुहीम में दूर-दराज़ से आए लोगों पर रात के अँधेरे में उन्हें सोते में औचक ही सरकारी दमन का शिकार बनाना एक डरी हुई सरकार का कायराना कारनामा है.
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घटना की रात यानि २ ६ और २ ७ नवम्बर की मध्यरात्री नरीमन हाउस के निकट रहने वाले एक आदमी ने एक टी वी चैनल पर बताया था की पिछले कुछ दिनों से नरीमन हाउस में आने जाने वालों की गतिविधियाँ बढ़ गई थी, जिन में गोरे अर्थात अँगरेज़ दिखने वाले लोग शामिल थे, बाद में यह ख़बर कभी नहीं दिखायी गई।
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रजोस्नान के अनंतर गर्भाधान मुहूर्त:-अपनी धर्म पत्नी के साथ संतान प्राप्ति की इच्छा से स्त्री प्रसंग मे तीन प्रकार के गंडान्त (विवाह प्रकरण) हैं सातवी वधतारा, जन्म नक्षत्र,मूल,भरिणी,अश्विनी,रेवती,मघा,ग्रहण का दिन,व्यतीपात,वैधृतीयोग,माता-पिता का श्राद्ध दिन,सूर्योदयात्सूर्यास्त तक दिन मे (संध्याकाल और मध्यरात्री भी),परिधी भोग का पूरवार्ध,दिव्यांतरिक्षभौम से उत्पन्न त्रिविध उत्पातों से दुसधित दिन,जन्म लग्न और जन्म राशी से अष्टम राशी जन्मलग्न और पाप गृह से युक्त राशी या नक्षत्र का परित्याग करना चाहिए ।
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भागवत महापुराण के दशम स्कंध में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के विषय में उल्लेख मिलता है-‘जब परम शोभायमान और सर्वगुण संपन्न घडी आई, चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में आया| आकाश निर्मल तथा दिशाएँ स्वच्छ हुई, महात्माओं के मन प्रसन्न हुए, तब भाद्रपद मॉस की कृष्णपक्ष अष्टमी की मध्यरात्री में चतुर्भुज नारायण वासुदेव-देवकी के समक्ष बालक के रूप में प्रकट हुए|' अर्थात भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ|