तभी मदन बड़े बड़े चूतड़ माँसल जाघें देख उसके ऊपर कूदा तो बेला हँसते हुए बोली-“आराम से मदन बेटा मैं क्या कहीं भागी जा रही हूँ।”
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शिवानी की मस्त तनी चूचियाँ और उसकी माँसल जाँघें, उनके बीच खिले हुये फूल जैसी शेव की हुयी उसकी चूत सब कुछ बेपर्दा हो गयी...
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पत्तियाँ माँसल, भालाकार, एक से दो फीट लम्बी, 3-4 इंच चौड़ी, अग्रभाग में तीक्ष्ण गूदेदार, बाहर से चमकीले हरे रंग की होती हैं ।
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सूख गई गाँव की बूढ़ी नदी जिसकी गीली रेत पर गाँव के बचपन लड़कपन ने कितने घरौंदे बनाए तोड़े मिटाए साहस ने जिसकी माँसल देह पर नित्य प्रति ही जीतीं तैराकी स्पर्धाएं और अपनी पताकाएं फहराईं
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गोरेलाल ने इसकी रिपोर्ट देते हुए अखबार में लिखा, ” फुल्लू ने साबित कर दिया है कि उसके प्रेम में कोई स्थूल माँसल आकांक्षा नहीं हैं, बल्कि वह सात्विक किस्म के आनंद का रसिया है।
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इसके उलट अकेले स्वतन्त्र रूप में रह कर वह इस बात से संतुष्टि पाती है कि वह अविवाहित रह कर प्रत्येक रात कितने अलग-अलग पुरुषों का भोग कर सकती है, अपने माँसल शरीर के आसपास नचा सकती है।
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मैंने झट अपना चन्चल, बेहया और बदमाश बड़ा फुदुआ अन्डरवीयर के अन्दर वापस डाल कर पैन्ट का ज़िप क़ायदे से बन्द किया और तुरन्त बाथरूम जाकर अंजलि के नग्न माँसल शरीर की कल्पना करते हुए तेज़ गति हस्त-मैथुन द्वारा ज़बर्दस्त वीर्य-स्खलन किया।
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मैंने भाभी की चूत को और तेज़ी से चोदने लगा, फिर १५ मिनट बाद में, मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया और चोदने लगा, बाभी का माँसल बदन और मेरे शरीर की टकराहट से कमरे में फच्च फच्च फच्च...
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मैंने भाभी की चूत को और तेज़ी से चोदने लगा, फिर १ ५ मिनट बाद में, मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चूत में पीछे से लण्ड डाल दिया और चोदने लगा, बाभी का माँसल बदन और मेरे शरीर की टकराहट से कमरे में फच्च फच्च फच् च... की आवाज़ें आने लगीं।
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लेकिन भाषा को इतना विकसित करने की आवश्यकता थी कि वह हमारी भावनाओं को सूक्ष्मता से व्यक्त कर सके लेकिन किसी प्रकार की अमूर्तता को लाये बिना, जिससे वह अपना माँसल स्वरूप क़ायम रख सके, जिससे कि वह उस मानव साक्षात्कार को बनाये रख सके अर्थात् उस मौलिकता को जिसकी कि हमारे साहित्य में बहुत अधिक आवश्यकता थी।