एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्री दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है | मगर चैत्र माष की नवरात्री उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है | विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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एक चैत्र माष में तो दूसरा आश्विन माष में | आश्विन माष की नवरात्री दशहरा या दुर्गा पूजा के रूप में सम्पूर्ण भारत में मशहूर है | मगर चैत्र माष की नवरात्री उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है | विक्रम संवत के प्रथम दिन को दक्षिण भारत में युगादी के नाम से मानते हैं | यह कर्नाटक, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश का मुख्य पर्व है | कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में जहाँ इसे युगादी कहते हैं, वहीँ महाराष्ट्र में इसे गुडीपडवा कहा जाता है |
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इस मन्त्र में कहा है कि जो कच्चा माँस खाते हैं, जो मनुष्यों द्वारा पकाया हुआ माँस खाते हैं, जो गर्भ रूप अंडों का सेवन करते हैं, उन के इस दुष्ट व्यसन का नाश करो! हालाँकि इस विषय में सैकडों क्या हजारों मन्त्रों को उद्धृत किया जा सकता है, किन्तु विषय विस्तार के भय से दो ओर मन्त्रों का उल्लेख कर जिनमें चावल, जौं, माष (उडद, तिल आदि उत्तम अन्न के सेवन का और पशुओं के दूध को ही (न कि मांस को) सेवन करने का उपदेश है, हम इस विषय को समाप्त करते हैं.