यह सिरात व मीज़ान के बारे में मुख़्तसर सी शरह (व्याख्या) थी, जबकि इन के जुजयात के बारे में हमें इल्म नही है।
42.
जब मीज़ान दिखाई गई और आपने उसके पलड़ों का विस्तार देखा तो अर्ज़ किया यारब, किसकी ताक़त है कि इनको नेकियों से भर सके.
43.
क्या क़ियामत के दिन मीज़ान (तराज़ू) के ज़ुबान होगी क्या इस बात की कोई दलील है कि पुनः जी उठने के दिन तराज़ू के ज़ुबान होगी?
44.
और काफ़िर की बुराइयाँ बदतरीन सूरत में लाकर मीज़ान में रखी जाएंगी और तौल हलकी पङेगी क्योंकि काफ़िर के कर्म बातिल है उनका कुछ वज़न नहीं.
45.
लुमअतुल एतिक़ाद ” में संकेत किया गया है, यह है: ‘‘ मीज़ान के दो पलड़े होंगे और ज़ुबान होगी, जिसके द्वारा आमाल को तौला जायेगा:
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क्या क़ियामत के दिन मीज़ान (तराज़ू) के ज़ुबान होगी-166003 क्या इस बात की कोई दलील है कि पुनः जी उठने के दिन तराज़ू के ज़ुबान होगी?
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मीज़ान की हदीसें मुतवातिर हैं, और क़ुरआन मीज़ान से संबंधित आयतों से भरा हुआ है, और ये ऐसे तराज़ू हैं जों कण के बराबर चीज़ों को भी तौल डालेंगे:
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मीज़ान की हदीसें मुतवातिर हैं, और क़ुरआन मीज़ान से संबंधित आयतों से भरा हुआ है, और ये ऐसे तराज़ू हैं जों कण के बराबर चीज़ों को भी तौल डालेंगे:
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क्योंकि अब हम बच्चे नहीं हैं इसलिए उसका रूप पहले की तरह नर्म और स्नेहमयी नहीं है, एक हाथ में नियम /काएदे की लिस्ट और दूसरे हाथ में एक मीज़ान लिए रहता है.
50.
जिस तराज़ू में उन्हें रख़ दिया जायेगा उस का पल्ला हलका नहीं होगा और जिस मीज़ान (तराज़ू) से इन्हें अलग कर लिया जायेगा, उस का पल्ला भारी नहीं हो सकता।