| 41. | प्रदीप मानोरिया जी, आपकी कविता के बारे मै ये कहना चाहूँगा १) मुखडा बहुत सुन्दर है..
|
| 42. | ***** लघुकथा: मुखडा देख ले * कक्ष का द्वार खोलते ही चोंक पड़े संपादक जी.
|
| 43. | स्वयं को सौभाग्यशाली मान रहे हैं हम की अंततोगत्वा फूलों के स्थान पर इक मुखडा नज़र आया....
|
| 44. | ठगे से खड़े संपादक जी के कानों में गूँज रहा था-' मुखडा देख ले प्राणी जरा दर्पण में...'
|
| 45. | सब जनै छै जे जमात-उ-दावा लश्करक मुखडा छियै, जकरा सब साल पाकिस्तान सरकार लाखों नंइ करोडों टाका दैछै ।
|
| 46. | कोई मुखडा दे, मैं उस पर धुन बना लूँगा. दो चार उड़ते उड़ते मुखड़े ख्याल आये.
|
| 47. | वो चान्द्शा मुखडा और नुरानी चेहेरा, वो हीरनशी चाल और जुलफ घनेरा, वो मदहोश निघाहें और मीठी आवाजका क्या कहना.
|
| 48. | लड़की दिख्वाइये जल्दी से. अब मन बेहद अधीर हो उठा है.दुल्हन का मुखडा देखना है जो दहेज भी लेके आएगी.
|
| 49. | ३. शैलेन्द्र के लिखे इस गीत का मुखडा इस शब्द से शुरू होता है-“ धानी ”.
|
| 50. | कभी उसकी आँखे आकाश में टंगी रहती हैं, कभी एकदम से मुखडा माघ के मेघों की तरह गम्भीर बना लेता है.
|