न मक़बूल हूँ, न मरदूद हूँ, न बेगुनाह हूँ, न गुनहगार हूँ, न मुख़बिर, न मुफ़सिद, भला अब तुम ही कहो कि अगर यहाँ दरबार हुआ और मैं बुलाया जाऊँ त नज़र कहाँ से लाऊँ।
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या मेरा दुश्मन ही शातिर हो गया या कोई अपना ही मुख़बिर हो ग्या तू जुदा होना था आख़िर हो गया पर तेरा किरदार ज़ाहिर हो गया मैं जो इस महफ़िल मे हाज़िर हो गया क्या बताऊं किसकी ख़ातिर हो गया जो मकाँ मुझसे नहीं बन पाया
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रूचिर गर्ग कहते हैं, “तीन दिनों पहले की घटना से दूर-दूर तक ये संदेश गया है कि अपनी गतिविधियों को क्लिक करें राजनीतिक आंदोलन का नाम देने वाले माओवादी अब 'वर्ग दुश्मन', पुलिस के मुख़बिर और आम राजनीतिक क्लिक करें कार्यकर्ताओं में कोई फ़र्क़ नहीं करने जा रहे.
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रूचिर गर्ग कहते हैं, ” तीन दिनों पहले की घटना से दूर-दूर तक ये संदेश गया है कि अपनी गतिविधियों को क्लिक करें राजनीतिक आंदोलन का नाम देने वाले माओवादी अब ' वर्ग दुश्मन ', पुलिस के मुख़बिर और आम राजनीतिक क्लिक करें कार्यकर्ताओं में कोई फ़र्क़ नहीं करने जा रहे.
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इसके बाद पुलिस के ये मुख़बिर नौजवानों के इस गु्रप को चोरी की हुई कोई गाड़ी दे देते हैं, जिन पर सवार होकर यह गु्रप इस कथित डकैती को अंजाम देने के लिए रवाना हो जाता है, लेकिन ये जवान जब वहां पहुंचते हैं तो अचानक वहां पहले से तैनात पुलिस का सामना उनसे होता है, मुठभेड़ होती है, और ये नौजवान मारे जाते हैं.