| 41. | पत्तों की प्राप्ति के समय फड मुन्शी / चैकर द्वारा गड्डियों में
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| 42. | पटवारी कक जामाता मुन्शी जगदम्बा प्रसाद साहब का शुभागमन हुआ है।
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| 43. | पटवारी के जामाता मुन्शी जगदम्बा प्रसाद साहब का शुभागमन हुआ है।
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| 44. | मुन्शी ज्वालासहाय जी ‘ वाकए-राजपूताना ' में आगे लिखते हैं-
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| 45. | बस यहीं से मुन्शी प्रेमचन्द की शुरुआत कर दी गई ।
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| 46. | पर मैं ने विचारा कि मुन्शी जी महाशय बुरे फसेंगे ।
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| 47. | दफतर में केवल एक मुन्शी लिखा पढ़ी कर रहे थे ।
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| 48. | बस यहीं से मुन्शी प्रेमचन्द की शुरुआत कर दी गई ।
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| 49. | पटवारी कक जामाता मुन्शी जगदम्बा प्रसाद साहब का शुभागमन हुआ है।
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| 50. | » पूस की रात: मुन्शी प्रेमचन्द (३१ जुलाई पर विशेष)
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