| 41. | ...और मक्ते में मुफ़लिस को कबीर बनते देख रहा हूँ।
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| 42. | बाकि मुफ़लिस जी का अपने प्रति स्नेह देखकर अभिभूत हूं।
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| 43. | क्यूँ के वो लोग भी अपनी ही तरह मुफ़लिस थे
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| 44. | जुत्शी साहब का कहना है कि मुफ़लिस लोग लालच की
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| 45. | मुफ़लिस जी ने बागडोर थामते हुये नशिस्त का आगाज़ किया।
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| 46. | अपने मुफ़लिस रिश्तेदारों की तरह!!!
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| 47. | मुफ़लिस हूं दिन-रात सोच कर क्यों दिल को नाशाद करूं
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| 48. | माना हम मुफ़लिस हैं उनको कुछ भी देने को पास नहीं
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| 49. | मुफ़लिस की नादारी में भी-अंदाज़ ए शाही पैदा हो
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| 50. | ये वो आंधी है, जिसकी रौ मैं मुफ़लिस का नशेमन है,
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