| 41. | अब मेरुदण्ड के नीचे के भाग को, मूल को लीजिये।
|
| 42. | मेरुदण्ड और श्रोणि प्रदेश के बीच का जोड़) के बीच जलन
|
| 43. | यह मेरुदण्ड छोटे-छोटे तैंतीस अस्थि खण्डों से मिलकर बना है।
|
| 44. | ऐसे संस्थानों की चिकित्सा-सेवा का मेरुदण्ड उसके आवासीय चिकित्सक होते हैं।
|
| 45. | मेरुदण्ड की सुषुम्ना नाड़ी में चक्रों का प्रकाश होता रहता है।
|
| 46. | त्रिकास्थि (मेरुदण्ड के नीचे की तिकोनी बड़ी हड्डी) में दर्द-
|
| 47. | ऐसे संस्थानों की चिकित्सा-सेवा का मेरुदण्ड उसके आवासीय चिकित्सक होते हैं।
|
| 48. | पुस्तक में वलयाकार स्वर्ण-पथ की तुलना मेरुदण्ड से की गई है।
|
| 49. | प्राण ऊर्जा होती है जो मेरुदण्ड में ऊपर नीचे बहती रहती है।
|
| 50. | इन क्रियाओं के लिए मेरुदण्ड का मजबूत व लचीला होना आवश्यक है।
|