परन्तु तब मैंने माना कि जो भी एक महीने तक अनशन करता रहा है, वह अध्यात्मिक और सज्जन तो दिखेगा ही.
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कितना कुछ गुजर जाता है रास्ते में किन्तु मैंने माना कि विश्वास और आस्था ही आगे बढ़ने की पथ प्रदर्शक अटूट रेखा है।
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मैंने माना कि मेरी उम्र बड़ी है लेकिन, याद करती हूँ जो बचपन तो मचल जाती हूँ.ये शेर कुछ ज्यादा ही असर कर गया।
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मैंने माना कि बहुत प्यार किया है तूने साथ ही जीने का इकरार है तूनेमान ले बात मेरी देख तू इस राह न चल।
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मैंने माना कि बहुत प्यार किया है तूने साथ ही जीने का इकरार है तूने मान ले बात मेरी देख तू इस राह न चल।
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मैंने माना कि मेरी उम्र बड़ी है लेकिन, याद करती हूँ जो बचपन तो मचल जाती हूँ.सुंदर गज़लअभिनंदन अल्पना जी मेरे ब्लोग पर भी पधारें।
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संत विनम्रता से बोले, मैंने माना कि तुम सब अच्छे हो, संस्कारी हो, लेकिन यह अबोध किशोर अपने दुर्व्यसनी पिता और भाइयों द्वारा ठुकराया हुआ है।
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यह मैंने माना कि जहां तुम हो, जैसे तुम जी रहे हो, जिस आसमान के तले तुमने अपना घर बनाया है, बड़ा छोटा है।
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मैंने माना कि गरीबों की मदद करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है लेकिन क्या दूसरों की धार्मिक भावनाओं का आदर करना भी एक महत्वपूर्ण नागरिक कर्त्तव्य नहीं है?
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मैंने माना कि मेरी उम्र बड़ी है लेकिन, याद करती हूँ जो बचपन तो मचल जाती हूँ.-बिल्कुल! जब हम कुछ क्रियेटिव करते हैं तो किसी अंश में बच्चे ही होते हैं।