प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।
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प्रातः ख़ाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।
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मेल में बताया गया है कि पिछले गुरुवार की रात को जीव्हीआर कम्पनी के पीआरओ जो एसडीएम के दलाल भी है रात को किसी द्विवेदी नामक व्यक्ति जो काफी मोटा ताजा था के साथ एक सूटकेस लेकर एसडीएम के घर आते हैं।
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30 पर जब तेरा यह बेटा आया जिसने वेश्याओं में तेरा धन उड़ा दिया, उसके लिये तूने मोटा ताजा बछड़ा मरवाया।'31 पिता ने उससे कहा, “मेरे पुत्र, तू सदा ही मेरे पास है और जो कुछ मेरे पास है, सब तेरा है।
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मैं तो यही कहूंगा की बलि के पहले खिला पिला कर मोटा ताजा करने की इस्लामी परम्परा के अनुरूप ही कसाब की आवाभगत हो रही है और दुनिया देखेगी की उसे कैसे जल्लादों के हाथ फांसी दी जाती है-हम यहाँ क्यों बदमजगी फैला रहे हैं!
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परमाणु अस्त्रों के सम्बन्ध में अनेक मंचों पर जब चिंता जताई जाती है तब हमकों एक कहानी याद आ जाती है-कुछ लोग एक मुर्दा उठायें हुए शमशान की ओर जा रहे थे, मोटा ताजा होने के कारण जब उसके भारीपन का एहसास हुआ तो उपाय सोचने हेतु उसे उतारा गया, फिर मुंह की ओर से कफ़न खोला, बड़ी बड़ी मूँछे देखकर एक सज्जन ने राय यह दी कि इसकी मूँछें उखाड़ लो।
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परमाणु अस्त्रों के सम्बन्ध में अनेक मंचों पर जब चिंता जताई जाती है तब हमकों एक कहानी याद आ जाती है-कुछ लोग एक मुर्दा उठायें हुए शमशान की ओर जा रहे थे, मोटा ताजा होने के कारण जब उसके भारीपन का एहसास हुआ तो उपाय सोचने हेतु उसे उतारा गया, फिर मुंह की ओर से कफ़न खोला, बड़ी बड़ी मूँछे देखकर एक सज्जन ने राय यह दी कि इसकी मूँछें उखाड़ लो।
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किसी जंगल में एक चतुर और बुद्धिमान गीदड़ रहता था | उसके चार मित्र बाघ, चूहा, भेड़िया और नेवला भी उसी जंगल में रहते थे | एक दिन चरों शिकार करने जंगल में जा रहे थे | जंगल में उन्हों ने एक मोटा ताजा हिरन देखा उन्हों ने उसे पकड़ने की कोशिश की परन्तु असफल रहे | उन्हों ने आपस में मिलकर विचार किया | गीदड़ ने कहा यह हिरन दौड़ने में काफी तेज है | और काफी चतुर भी है |
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अस्पताल पहुँच कर अलबत्ता दो सूईयों ने मेरी सोच को बहुत गहरी नींद के हवाले कर दिया सुबह होते ही कैसी-कैसी जाँच से हो कर गुजरा नयी तकनीक से अनपढ़ मैं क्या जानूँ इतना ही पता चला अपने पर्स की पीठ पेट से लगने के बाद कि पेट में पथरी है, निकलवा कर मुस्कुरा कर लौट सकूँगा घर “ चालीस पचास हजार का मामूली खर्च है फिर आपको क्या चिंता करना सरकारी अधिकारी हैं ” डॉक्टर ने मुझे इस नज़र से देख कर कहा जैसे हलाल होने वाला मुर्गा मोटा ताजा हो...