धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन एक अलग चीज़ है जिसे यथावसर प्रस्तुत किया जाएगा और उस समय यह सिद्ध हो जाएगा कि जो धर्म युद्ध को बुरा समझते हैं, वे भी व्यावहारिक जगत् में पदार्पण के पश्चात् इस अवश्यम्भावी चीज़ से अपने आपको अलग रखने में असमर्थ रहे हैं।
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धर्म-दर्शन धर्म-संसार > धर्म-दर्शन उपासकों को आकर्षित करते हैं माता के मंदिर असम के कामाख्या क्षेत्र से कश्मीर के श्रीनगर तथा हिमालय की शुभ्र घाटियों से सुदूर दक्षिण कन्याकुमारी तक समस्त भू-भाग में महाशक्ति यथावसर अवतीर्ण होकर असुर संहार की अनेक लीलाएं लोकमानस को स्फूर्ति तथा बल प्रदान करती रही हैं।
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तदुपरान्त, सोनगढ़में बहुमुखी धर्मप्रभावनाके विविध साधन यथावसर अस्तित्त्वमें आते गयेः-वि.सं. १९९४ (ई.स.१९३८) में श्री जैन स्वाध्यायमंदिर, १९९७ (ई.स.१९४१) में श्री सीमन्धरस्वामीका दिगम्बर जिनमंदिर, १९९८में (ई.स.१९४२) श्री समवसरणमंदिर, २००३ (ई.स.१९४७) में श्री कुन्दकुन्दप्रवचनमंडप, २००९ (ई.स.१९५३) में श्री मानस्तंभ, २०३० (ई.स.१९७४) में श्री महावीर-कुन्दकुन्द दिगम्बर जैन परमागमंदिर आदि भव्य धर्माययतन निर्मित हुए।
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उक्त आत्मकथा के पाठक जानते ही हैं कि विदेश से उच्च उपाधि लेकर लौटने पर अपने विभाग और विश्वविद्यालय में बच्चनजी को जो उदासीनता और दुर्भावना झेलनी पडी, उससे वे आहत थे और जिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस पढाई में उनकी सहायता की थी, उनके मन में यह विचार आया था कि भारत सरकार में वे उनके लिये यथावसर कोई उपयुक्त पद बनायेंगे।
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कठिनाइयों को चुनौती देते हुए उन्होंने उनका मुकाबलाकिया. मनुष्य में अटूट विश्वास--यह उनके हास्य का स्रोत था. "डा. शर्माके प्रेमचन्द-विवेचनमें इसी प्रकार के अनेक महत्वपूर्ण सूत्र यथावसर पाठकों के समक्षआते हैं, प्रेमचन्द के साहित्यिक व्यक्तित्व के साथ उनके संघर्षशील जीवनकी सही दिशाओं से उसेपरिचित कराते हैं, उसे प्रेमचन्द के बारे में अधिक से अधिक जानने, उनके साहित्य कोगहराई में जाकर आत्मसात करने का सही पथ सुझाते हैं.
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बड़ी करामाती बकरी है, अबकी गाँव जाउंगा तो कुछ ऐसे भी दृश्य कैमरे में कैद करूंगा! इन सबसे भी पोस्ट बढियां 'एक्सप्लोर' होती है! हमारी दशा तो यह है कि ठेलाये नहीं ठेल पा रहे हैं! आपसे काफी सीख रहा हूँ! आपने लिंक दिया, आभारी हूँ, ऐसे अन्य प्रासंगिक लिंक भी आप यथावसर दे कर कृतार्थ करेंगे, ऐसी कामना करता हूँ!
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PMबड़ी करामाती बकरी है, अबकी गाँव जाउंगा तो कुछ ऐसे भी दृश्य कैमरे में कैद करूंगा! इन सबसे भी पोस्ट बढियां 'एक्सप्लोर' होती है! हमारी दशा तो यह है कि ठेलाये नहीं ठेल पा रहे हैं! आपसे काफी सीख रहा हूँ! आपने लिंक दिया, आभारी हूँ, ऐसे अन्य प्रासंगिक लिंक भी आप यथावसर दे कर कृतार्थ करेंगे, ऐसी कामना करता हूँ!
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बड़ी करामाती बकरी है, अबकी गाँव जाउंगा तो कुछ ऐसे भी दृश्य कैमरे में कैद करूंगा! इन सबसे भी पोस्ट बढियां ' एक्सप्लोर ' होती है! हमारी दशा तो यह है कि ठेलाये नहीं ठेल पा रहे हैं! आपसे काफी सीख रहा हूँ! आपने लिंक दिया, आभारी हूँ, ऐसे अन्य प्रासंगिक लिंक भी आप यथावसर दे कर कृतार्थ करेंगे, ऐसी कामना करता हूँ!