उसने निर्णायक अधिकारी से कहा, ‘‘ यदि तुम चाहो तो मेरे हाथ कटवाने से पहले मुझसे ऐसी या इससे भी सुदंर प्रतिमाएँ बनवा लो।
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आज तक इस दुनियां में शायद किसी ने भगवान को नही देखा परंतु यदि तुम चाहो तो अपनी मां में ही भगवान को देख सकते हो।
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अब मैं तुम्हारी ओर से चिन्तित नहीं हूं और मुझको पता है कि यदि तुम चाहो तो राजा और उसके साथियों और अंगरक्षकों सबको मार सकते हो।
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भगवान् ने पहले ही लिंग स्थापित किए जाने का कारण हनुमानजी को बताते हुए कहा कि यदि तुम चाहो तो इस लिंग को यहाँ से उखाड़कर हटा दो।
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भगवान् ने पहले ही लिंग स्थापित किए जाने का कारण हनुमानजी को बताते हुए कहा कि यदि तुम चाहो तो इस लिंग को यहाँ से उखाड़कर हटा दो।
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यदि तुम चाहो तो मैं सभी से पूछ कर थोड़ी देर में तुम्हें बता सकता हूँ कि तुम दोनों में से किसे देख कर वे सब ज्यादा खुश हुए।
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भगवान ने पहले ही लिंग स्थापित किए जाने का कारण हनुमान जी को बताते हुए कहा कि यदि तुम चाहो तो इस लिंग को यहां से उखाड़ कर हटा दो।
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तुम यहाँ कूड़ेदान के अन्दर क्या कर रहे हो, क्यों नहीं स्कूल जाते हो? और अब तो यदि तुम चाहो तो सीधे अंग्रेजी माद्ध्यम स्कूल में भी जा सकते हो.
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पर अभी नहीं और हाँ यदि तुम चाहो तो मुझे डॉ. बाला कह सकती हो “ माधवी के नेत्रों से उसके हृदय में झाँकते हुए डॉ. सुब्रामण्यम् चेयर से उठ गए थे।
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साक्षी ने कहाहे कि यह बात हमलोगो ने मुल्जिम से नही कहा था कि तुम्हारा यह अधिकार है कि यदि तुम चाहो तो तुम्हारी तलाशी किसी राजप. ित्रत अधिकारी या मजिस्टेट के समक्ष चल कर करायी जाये।