पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से यह भी निष्कर्ष निकलता है कि इस दुर्घटना के कारित होने में स्वयं बंशीलाल की कोई लापरवाही अथवा योगदायी उपेक्षा नहीं थी।
42.
वाद बिन्दु सं0 2 भी याची के पक्ष में व नकारात्मक में निर्णीत किया जाता है कि स्कूटी चालक की दुर्घटना में कोई योगदायी उपेक्षा नहीं थी।
43.
जबकि वाद बिन्दु संख्या 4 इस तथ्य से सम्बंधित है कि क्या उपरोक्त दुर्घटना जीप नम्बर यू0 पी0 70जे / 9213 के चालक की योगदायी उपेक्षा के कारण घटित हुई?
44.
तथा वाद बिन्दु संख्या 2 यह है कि क्या कथित दुर्घटना हीरो होण्डा स्पेलेण्डर यू. पी 44 ई 3081 के चालक की योगदायी उपेक्षा के फलस्वरूप घटित हुई थी?
45.
विपक्षी संख्या-2 बीमा कंपनी की ओर से जबाब दाबे में कहे गये योगदायी उपेक्षा के परिणाम को साबित करने हेतु कोई साक्ष्य पत्रावली पर पेश नहीं की गयी है।
46.
जबकि वाद बिन्दु संख्या 2 इस आशय से विरचित है कि क्या उपरोक्त दिनांक, स्थान व समय पर घटित दुर्घटना स्कूटर चालक मृतक के योगदायी उपेक्षा के परिणाम स्वरूप घटित हुई?
47.
क्या कथित दुर्घटना केन्टर संख्या-यू0ए0-03-0046 के चालक मृतक अलाउद्दीन की गलती एवं लापरवाही के कारण केन्टर को चलाये जाने के कारण घटित हुयी तथा क्या यह मामला योगदायी उपेक्षा का परिणाम है?
48.
टाटा इंडिका और मोटर साईकिल की दुर्घटना आमने सामने हुई थी जैसा कि नक्शा नजरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि मोटर साईकिल चालक की योगदायी उपेक्षा के फलस्वरूप दुर्घटना घटित हुई थी।
49.
इस प्रकार वाद बिन्दुसंख्या-1 याचीगण के पक्ष में सकारात्मक रूप से निर्णीत की जाती है एवं तथाकथित दुर्घटना हीरो होण्डा स्पेलेण्डर यू. पी 44 ई 3081 के चालक की योगदायी उपेक्षा के फलस्वरूप घटित हुई थी।
50.
इसलिए यह विचारणीय हो जाता है कि वास्तव में यह दुर्घटना केवल प्रश्नगत ट्रक के चालक की लापरवाही से घटित हुई अथवा मारूति कार एवं ट्रक दोनों चालकों के लापरवाही एवं योगदायी उपेक्षा के फलस्वरूप घटित हुई?